बनारस के घाटों पर गूंजेगी कबीर वाणी, महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल का आगाज,,,।
वाराणसी :: साहित्य और सांस्कृति आयोजनों में महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल की अलग ही पहचान है. बनारस के घाटों पर होने वाले इस आयोजन का हर साल बड़ी संख्या में लोग इंतजार करते हैं. इस बार यह उत्सव 15-17 दिसंबर को होने जा रहा है.महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड में हेड-कल्चरल आउटरीच के उपाध्यक्ष जय शाह ने कहा कि महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल में शामिल होने वाले कलाकारों की मेजबानी के लिए महिंद्रा ग्रुप आनंदित है. दो दिन के इस फेस्टिवल में शानदार म्यूजिक परफोर्मेंस के साथ ही श्रोता अलग-अलग सत्रों में गंगा आरती का भी आनंद लेंगे. उन्होंने बताया कि इस बार महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल में अश्विनी भिड़े देशपांडे, इंडियन ओसियन, अनवर खान से लेकर पुरुषोत्तम अग्रवाल और लिंडा हेस जैसे कलाकार और बैंड शामिल हो रहे हैं.
महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल की शुरुआत सिंगापुर में रहने वाली हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका स्वेता किल्पाडी के मधुर स्वर से होगी. किल्पाडी कबीर के कुछ दोहों को नई धुनों के साथ प्रस्तुत करते हुए, कबीर काव्य का सार व्यक्त करेंगी. शाम की शुरुआत सनबीम स्कूल की रिद्धिमा की मनोरम प्रस्तुति से होगी.
हर साल की तरह, इस साल भी महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल का शुभारम्भ प्रात: संगीत के साथ होगा. इस साल फेस्टिवल में शिरकत करेंगे पारम्परिक सिख भक्ति गायक और आल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के ए-ग्रेड कलाकार, संदीप सिंह. संदीप अपने तौस (मयूरी वीणा) के साथ हाज़िर होंगे. इनके साथ तबले पर संगत देंगे आविर्भाव वर्मा; हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक और पंडित कुमार गंधर्व के पोते, भुवनेश कोमकली; युवा हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पुर्नेश भागवत; दमदार युगल कार्तिकेय और मकरंद, जो बांसुरी की धुनों पर कबीर की उलटबासियां सुनायेंगे.
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दोपहर के सत्रों में कई विद्वान कबीर परम्परा पर दिलचस्प चर्चा करेंगे, जिनमें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के भूतपूर्व विजिटिंग प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल, जिनकी 'अकथ कहानी प्रेम की: कबीर की कविता और उनका समय' कबीर अध्ययन पर एक शानदार किताब है. पुरुषोत्तम अग्रवाल से संवाद करेंगी सौम्या कुलश्रेष्ठ. एक अन्य सत्र में लेखिका, अनुवादक और 15वीं सदी के रहस्यवादी कवि पर शोध करने वाली डॉ. लिंडा हेस के साथ संवाद करेंगे टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर संजॉय के. रॉय. बनारस की संस्कृति और कला पर चर्चा करेंगे ओजस आर्ट के डायरेक्टर और रामचन्द्र नाथ फाउंडेशन (RNF) के को-फाउंडर अनुभव नाथ. इनके साथ संवाद करेंगे पद्मश्री परेश मैटी।
फेस्टिवल के शाम के संगीत में देश की कई प्रसिद्ध हस्तियां अपने हुनर पेश करेंगी. इनमें खयाल गायकी परम्परा 'जयपुर अतरौली' से लोकप्रिय हुई शानदार गायिका अश्विनी भिड़े-देशपांडे; राजस्थान के मांगनियार गायक, पद्मश्री अनवर खान; संगीत, रचनात्मकता और परम्परा से जुड़ा समूह वासु दीक्षित कलेक्टिव; और कबीर को अपने सुरों में प्रस्तुत करने वाला इंडियन ओसियन शामिल हैं।