वाराणसी :: पोलियो से बचाव के लिए ओपीवी व आईपीवी बेहद सुरक्षित व प्रभावी... सीएमओ,,,।
वाराणसी :: आज (सीएमओ) मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने मीडिया को बताया कि जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो (लकवा) से बचाव के लिए ओरल पोलियो वायरस वैक्सीन (ओपीवी) व फ्रेक्शनल इनएक्टिव पोलियो वायरस वैक्सीन (एफआईपीवी) बेहद सुरक्षित और प्रभावी है। इसलिए बच्चों का पोलियो से बचाव बेहद जरूरी है।
इसी क्रम में जनपद में रविवार 10 दिसंबर से 18 दिसम्बर तक पोलियो उन्मूलन अभियान चलाया जाएगा। रविवार को ही जनपद में 1771 पोलियो बूथ के माध्यम से पांच वर्ष तक के बच्चों को दवा पिलाई जाएगी।
शनिवार को यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि सघन पल्स पोलियो अभियान में पोलियो बूथ पर, घर-घर जाकर, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर पोलियो की खुराक पिलाई जा रही है। इसके साथ "हर बच्चा-हर बार" और "दो बूंद ज़िंदगी की" जैसे स्लोगन के द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
सीएमओ ने बताया कि जनपद में जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के करीब 5.68 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रतिरक्षण) डॉ. एके मौर्या ने बताया कि अभियान के सफल संचालन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। रविवार को 1771 पोलियो बूथ बनाए गए हैं, जिसमें 346 सुपरवाइज़र तैनात किए गए हैं। 11 दिसंबर से 18 दिसंबर तक घर-घर जाकर 1225 टीम पोलियो की दवा पिलाएगी। इसके अलावा 29 ट्रांजिट टीम लगभग 30 ट्रांजिट साइट पर पहुंचकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएगी। 36 मोबाइल टीम के द्वारा घुमंतू परिवारों के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का कार्य करेगी।
पोलियो के लक्षण
पोलियो के प्रारंभिक लक्षण बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न और अंगों में दर्द है। दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण अपरिवर्तनीय लकवा या विकलांगता आमतौर पर पैरों के अलावा शरीर के किसी भी अंगों में उत्पन्न होता है। वहीं, श्वास की मांसपेशियों प्रभावी रूप से कार्य नहीं करती हैं, जिस वजह से विकलांगता आने लगती है।
इससे बचाव में टीकाकरण जरूरी है। पोलियो का टीका, जन्म के समय मुख से दिया जाता है। इसके बाद छह व चौदह सप्ताह पर एफआईपीवी की खुराक दी जाती है।