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अपनों को रुलाकर 12 को नया जीवन दे गए माया और बच्चू, सड़क हादसे में गई थी जान,,,।

अपनों को रुलाकर 12 को नया जीवन दे गए माया और बच्चू, सड़क हादसे में गई थी जान,,,।

अलग अलग हादसों में भले ही भरतपुर राजस्थान के रहने वाले बच्चू और फरीदाबाद हरियाणा की रहने वाली माया की मौत हो चुकी हैं, लेकिन अंगदान कर यह दोनों नई देह प्राप्त कर चुके हैं। अभी तक यह दोनों केवल दो शरीर में थे, लेकिन अब ये दोनों 12 नए शरीर में जिंदा हैं। जी हां, ऐसा ही हुआ है और ऐसा इनके परिजनों के साहस की वजह से संभव हो सका है। यह जानकारी एम्स में आर्बो विभाग की प्रमुख प्रोफेसर आरती विज ने दी।

उन्होंने बताया कि भरतपुर राजस्थान के रहने वाले बच्चू पलवल में राजमिस्त्री का काम करते थे। हाल ही में वह रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आ गए। उन्हें गंभीर हालत में एम्स के ट्रॉमा सेंटर ले आया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उधर, फरीदाबाद की रहने वाली 40 वर्षीया माया छत से गिरकर घायल हुई थी और उसे भी गंभीर हालत में यहां ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था।

परिजनों की सहमति से अंगदान

इन दोनों घायलों की मौत के बाद डॉक्टरों ने इनके परिजनों को अंगदान का महत्व बताया। इसके बाद दोनों के परिजनों की सहमति मिलने के बाद इनके सुरक्षित अंगों को दूसरे मरीजों में प्रत्यारोपित किया गया है। उन्होंने बताया कि इनके शरीर से एक हार्ट, दो लीवर, चार किडनी, आंखों की चार कॉर्निया, और चमड़ी आदि एम्स के ऑर्गन बैंक में सुरक्षित किया गया।

12 लोगों को हुआ अंगदान

वहीं आवश्यकता के मुताबिक इसे दूसरे मरीजों में प्रत्यारोपित किया गया। डॉ. आरती विज के मुताबिक एम्स के ऑर्गन बैंग से इन दोनों लोगों के अंग 12 अन्य मरीजों को दिए गए हैं। इसके बाद यह सभी 12 मरीज अब स्वस्थ हैं। उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार भी होने लगा है। जल्द ही इन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. इससे अपनी मौत के बाद भी बच्चू और माया दूसरे शरीरों में जिंदा हो गए हैं।