भारत से ब्रिटिश लूटकर ले गए थे सोने का ये मुकुट, 150 साल बाद लौटाने को हुए मजबूर,,,।
ब्रिटिश हुकूमत ने दुनिया के लगभग एक चौथाई हिस्से पर तीन सदियों तक राज किया. भारत समेत कई देशों पर उनका शासन रहा. इस दौरान वे बहुत सी चीजें लूटकर ले गए. इनमें सोने-चांंदी, हीरे-जवाहरात और यहां तक कि कई राजाओं के मुकुट भी शामिल थे। भारत का कोहिनूर हीरा अब तक उनके पास है. देश आजाद हुए तो अपनी संपत्तियां लौटाने की मांग करने लगे. ब्रिटिश सरकार बीच बीच में उनकी संपत्तियां वापस करती भी रही है. लेकिन अब एक ऐसा मुकुट लौटा रही है, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में है. सोने का बनाया ये मुकुट 150 साल पहले ब्रिटिश लूटकर ले गए थे. तो क्या हमारा कोहिनूर भी वापस आएगा?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मुकुट 150 साल पहले घाना के असांते राज दरबार से लूटा गया था। रत्नों से जड़ित सोने का यह मुकुट वर्षों से विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय में रखा हुआ था. घाना कई साल से इसे वापस देने की मांग कर रहा था. अब जाकर ब्रिटिश सरकार ने यह मुकुट और 31 अन्य चीजें घाना को सौंपने का फैसला किया है. घाना के मुख्य वार्ताकार ने कहा, यह फैसला पीढ़ियों के गुस्से के बाद आया है. इससे शांति की भावना उम्मीद है।
राजा की तलवार और सोने का बैच भी शामिल
कुछ साल पहले ब्रिटेन सरकार ने अपने राष्ट्रीय संग्रहालयों में रखी विवादित वस्तुओं को स्थायी रूप से वापस देने पर प्रतिबंंध लगा दिया था. तब दुनियाभर में इसका विरोध हुआ था. बाद में इनमें से कुछ चीजें उधार के रूप में देने का फैसला किया गया।
वी एंड ए म्यूजियम के निदेशक ट्रिस्ट्राम हंट ने बीबीसी को बताया कि दरबार के राजचिह्न की सोने की वस्तुएं "हमारे क्राउन ज्वेल्स" के बराबर हैं. जो चीजें अभी उन्हें सौंंपी जा रही हैं, उनमें से अधिकांश ब्रिटिश और असांटे के बीच 19वीं सदी के युद्धों के दौरान ली गई थीं. इनमें राजा की तलवार, राजा की आत्मा का शुद्ध करने में इस्तेमाल किया जाने वाला सोने का बैच भी शामिल है। हंट ने कहा, अगर हम इस तरह की साझेदारी और आदान-प्रदान करेंगे तो हमारे सभी संग्रहालय ख़त्म हो जाएंगे. इसीलिए हमने कुछ चीजें उधार के रूप में देने का फैसला किया है।
सरकार नहीं, राजा के साथ समझौता
ब्रिटिश सरकार ने यह समझौता घाना की सरकार के साथ नहीं, बल्कि असांते के राजा ओटुमफो ओसेई टूटू सेकेंड के साथ किया है. इन्हें असांते राजा का उत्तराधिकारी माना जाता है और असांतेहेन के नाम से जाना जाता है. असांतेहेन पिछले साल किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में भी शामिल हुए थे. घाना में राजा अभी भी प्रभावशाली भूमिका रखते हैं और आधुनिक लोकतंत्र का हिस्सा हैं.असांतेहेन की रजत जयंती मनाने के लिए इन वस्तुओं को असांते क्षेत्र की राजधानी कुमासी में मनहिया पैलेस संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा।