वाराणसी, ज्ञानवापी :: तीन मशीनें लगाकर हुई वजूखाने की सफाई, शिवलिंग के पास मिलीं 44 मछलियां, फिर सील हुई ज्ञानवापी,,,।
वाराणसी :: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वुजूखाना फिर खोल दिया गया। फिर उसकी सफाई की गई। वुजूखाना के हौज से जिंदा व मरी मछलियां निकाली गईं। हौज से गंदा पानी निकाला गया।38 जिंदा मछलियां अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को सौंप दी गई। कड़ी सुरक्षा के बीच हुई सफाई की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी हुई। इस दौरान सभी पक्षकार, उनके अधिवक्ता और आला अफसर मौजूद थे। सफाई के बाद वुजूखाना फिर सील कर दिया गया।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने मीडिया को बताया कि वुजूखाने की सफाई रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी। उल्लेखनीय है कि गत 17 जनवरी को वादी हिंदू पक्ष की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने डीएम को वुजूखाने की सफाई कराने का आदेश दिया था। पक्षकारों की सहमति पर शनिवार सुबह नौ बजे से सफाई कराने का निर्णय हुआ था।
सफाई से पहले सहमति पत्र पर दस्तखत
इस क्रम में सुबह नौ बजे नगर निगम और मत्स्य विभाग के कर्मचारी विश्वनाथ धाम के गेट संख्या चार पर पहुंच गए। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय ने उनका ब्योरा जुटाया। कुछ देर बाद पुलिस कमिश्नर, डीएम समेत कई अधिकारी, वादी-प्रतिवादी व उनके पैरोकार-अधिवक्ता भी पहुंच गए थे। डीएम के निर्देश पर सफाई से पूर्व सभी से सहमित पत्र पर हस्ताक्षर कराया गया। फिर 26 कर्मचारियों ने हौज की सफाई शुरू की। उनमें 15 नगर निगम के सफाईकर्मी, बाकी मत्स्य विभाग व फायर ब्रिगेड के कर्मचारी थे। दोपहर 12 बजे तक सफाई पूरी कर सभी परिसर से बाहर निकल आए। इस दौरान दर्शनार्थियों को दूसरी तरफ से प्रवेश दिया जा रहा था। प्रवेश द्वार से ज्ञानवापी परिसर तक पुलिस, पीएसी व सीआरपीएफ जवानों के जरिए सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
पहले जाल से निकालीं मछलियां
वुजूखाना की सफाई में पहले सहायक निदेशक (मत्स्य) दीपांशु की मौजूदगी में मछलियां निकालने के लिए जाल डाला गया। मरी और जिंदा मछलियों को अलग-अलग टब में रखा गया। उनमें छोटी-बड़ी 38 जिंदा और 70 मरी मछलियां थीं। पांच हार्स पॉवर के तीन पंपों से घंटेभर में पानी निकाल लिया गया। उसके बाद हौज को सुखाकर वहां ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया।
बदबू से कर्मचारी दिखे परेशान
वादी महिलाओं के मुताबिक हौज में काफी मछलियों के मरने से काफी बदबू आ रही थी। इससे सफाई कर रहे कर्मचारियों को भी दिक्कत हुई। वहां मौजूद अधिकारियों, पक्षकारों व अधिवक्ताओं को नाक पर रूमाल रखना पड़ा था। कुछ लोग थोड़ी दूरी हट गए थे।
अबकी 10 तालों से हुआ सील
पहले वुजूखाने को पांच तालों से सील किया गया था। शनिवार को 10 नए ताले लगी जंजीर से वुजूखाना सील हुआ। वादी पक्ष का कहना था कि सील वुजूखाना पूरी तरह सुरक्षित रहा।
वादी महिलाएं दूर रखी गईं
सफाई के दौरान वादी-सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी भी पहुंची थीं लेकिन अंजुमन इंतजामिया की आपत्ति पर उन्हें वुजूखाना के पास नहीं जाने दिया गया। वे ढांचा के प्रवेश द्वार पर ही खड़ी रहीं। यहीं से उन्होंने पूरी प्रक्रिया में भाग लिया।
दोनों पक्षों ने संतुष्टि के साथ किए हस्ताक्षर
डीएम के निर्देश पर वुजूखाने की सफाई के सभी बिंदुओं पर दोनों पक्षों की सहमति ली गई। सफाई शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद दोनों पक्षों ने संतुष्टि के बाबत हस्ताक्षर किए।
अधिवक्ता के प्रणाम करने पर भड़क गया मुस्लिम पक्ष
सफाई के अंतिम दौर में वादी पक्ष के एक अधिवक्ता शिवलिंग आकृति को छूकर प्रणाम करने लगे तो अंजुमन इंतजामिया कमेटी के लोग भड़क गए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर चल रही कार्रवाई में इस तरह का कृत्य नहीं होना चाहिए। तब सुरक्षा बल के जवानों ने भी अधिवक्ता को रोक दिया।
शिवलिंग जैसी आकृति सामने आई
हौज का पूरी तरह पानी हटने के बाद लगभग साढ़े चार फीट की शिवलिंग जैसी आकृति दिखने लगी। अधिकारियों ने पानी निकलने के बाद आकृति सहित आसपास के पूरे क्षेत्र अवलोकन किया और उसकी रिपोर्ट तैयार कराई। उधर, वादी पक्ष का कहना था कि 17 मई 2022 को जब वुजूखाना सील हुआ तब हौज में केवल एक फीट पानी था। वर्तमान में पानी तीन से चार फीट था। आशंका है कि पास में अस्थायी वुजू का पानी रिस कर आ गया होगा।
विष्णुशंकर जैन ने दाखिल की थी याचिका
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने सुप्रीम कोर्ट में दो जनवरी को याचिका दाखिल की थी। इसमें ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के सील वाले इलाके की सफाई की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि कथित शिवलिंग के पास मौजूद पानी के टैंक में मछलियां मर गई हैं। उसे मई 2022 से साफ नहीं किया गया। इस पर 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सफाई का आदेश दिया।
बीस माह बाद खुला वुजूखाना
कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का 6 से 16 मई 2022 के बीच कमिश्नर सर्वे हुआ था। 16 मई को वुजूखानेमें शिवलिंगनुमा आकृति मिली थी। आकृति को हिंदू पक्ष ने शिवलिंग बताते हुए कोर्ट से उस स्थान को सील करने की मांग की थी। तर्क था कि मुस्लिम पक्ष आकृति से छेड़छाड़ कर सकता है। तब सिविल जज सीनियर डिवीजन ने वुजूस्थल को सील करने का आदेश दिया था। अगले दिन 17 मई को डीएम ने वुजूस्थल को सील करवा दिया था। तब से वहां सीआरपीएफ के जवान 24 घंटे सुरक्षा में तैनात रहते हैं।