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राम नाम की लूट है... अयोध्या में शख्स को मिली 55 रुपए की चाय...65 रुपए का एक टोस्ट... आइए जानें कैसे हुआ लूट का भंडाफोड़,,,।

राम नाम की लूट है... अयोध्या में शख्स को मिली 55 रुपए की चाय...65 रुपए का एक टोस्ट... आइए जानें कैसे हुआ लूट का भंडाफोड़,,,।


लखनऊ, ब्यूरो। 22 जनवरी को देशवासियों का 500 साल पुराना इंतजार खत्म हुआ। अयोध्या में रामलला विराजित हुए। पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीरामजन्मभूमि गर्भगृह के भीतर रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की थी। वहीं अब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से प्रभु दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। 

देशभर के लोग भगवान की एक झलक पाने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं।सोशल मीडिया पर ऐसे ढेरों वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिन्हें देखकर पता चलता है कि राम मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है। 

इसी बीच एक एक्स यूजर ने अयोध्या के एक रेस्टोरेंट के बिल की तस्वीर शेयर की है जिसमें देखा जा सकता है राम लला के नाम पर लोगों से खूब पैसे ऐंठे जा रहे हैं।

दरअसल, एक यूजर ने अयोध्या के एक दुकान का बिल शेयर किया है जिसमें आप देख सकते हैं कि एक चाय 55 रुपए और टोस्ट 65 रुपए का बेचा जा रहा है। 

इस तस्वीर को एक्स पर @Politics_2022_ ने शेयर किया है. फोटो के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा है- 'अयोध्या | शबरी रसोई | 55 रुपए की एक चाय... 65 रुपए का एक टोस्ट... राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट।'  यह कहावत चरितार्थ है उन दुकानदारों पर जो राम भक्तों को मनमाना तरीके से लूट कर उनकी जेबें खाली कर रहे हैं। अब ये बिल की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिस पर पब्लिक अपनी अपनी राय दे रहे है। 

"केसरी न्यूज़ नेटवर्क" प्रतिनिधि ने अयोध्या में आए हुए राम भक्तों से इस विषय में जब बातचीत की तो हरियाणा से आए हुए समरजीत सिंह और उनके परिवार 24 जनवरी की शाम एक टी स्टॉल पर ठंड की वजह से चाय पीने के लिए पहुंचा। तो चाय पीने के बाद पांच चाय की कीमत 150 रुपए वसूल गया। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र से आए हुए नंदलाल अपने परिवार के साथ नाश्ता करने के लिए एक दुकान में गए और वहां पर हल्का नाश्ता करने के बाद उन्हें अपने चार परिवार के सदस्यों का 640 रुपए भुगतान करना पड़ा। ऐसे ही तमाम राम भक्तों को मनमाना तरीके से पैसे लूटे जा रहे है। आखिर इन सब पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी किसकी है... सरकार कि या प्रशासन की, अब तो यह वही जाने... यह सवालिया निशान?अब हर गरीब राम भक्त अपने साथ एक यादों के रूप में लेकर जा रहा है।