आज रिकॉर्ड संख्या में पहुंच सकते हैं भक्त, सुबह 6 से रात 10 तक होंगे दर्शन, स्पेशल ट्रेनें शुरू, पौष पूर्णिमा पर 3 लाख लोगों ने किया स्नान,,,।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर आस्था के उत्सव की साक्षी बनेगी। शुक्रवार को देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने का अनुमान है। इसमें बड़ी संख्या पड़ोसी जिलों के साथ स्थानीय रामभक्तों की भी रहेगी। एक बार फिर भारी भीड़ आने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने भक्तों को चरणबद्ध तरीके से रामलला के दर्शन की योजना तैयार की है। जिला प्रशासन के आग्रह पर ट्रस्ट ने दर्शन का समय पहले ही बढ़ा दिया है। अब सुबह छह से रात 10 बजे तक रामलला के दर्शन मिल रहे हैं। सिर्फ आरती और भोग के समय रामलला के पट थोड़ी देर के लिए बंद किए जा रहे हैं। डीएम नितीश कुमार ने कहा कि रामलला के दर्शन के लिए आने वाले समय में कुछ और बदलाव हो सकते हैं।
अयोध्या में डटे विहिप के शीर्ष पदाधिकारी
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बीतने के बाद भी विश्व हिंदू परिषद के कई शीर्ष पदाधिकारी अयोध्या में डटे हुए हैं। ट्रस्ट महासचिव ने कारसेवकपुरम के बजाय राम मंदिर परिसर से सटे रामकोट स्थित रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र भवन में कैंप कर लिया है। समारोह के कई दिन पहले से तैयारियों के दृष्टि से यहां प्रवास कर रहे ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी आज शुक्रवार को पुणे के लिए रवाना हों गये।
नव्य मंदिर में रामलला के विराजने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विहिप के साथ ट्रस्ट के ज्यादातर केंद्रीय पदाधिकारी और न्यासी लौट गए। आने वाले दिनों में देशभर के रामभक्तों के सुगम दर्शन की व्यवस्था और तैयारियों के क्रम में फिर से इनका आगमन होगा। इस बीच विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन विनायक राव देशपांडे व राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे अभी भी अयोध्या में हैं। कुछ और राष्ट्रीय व प्रांतीय पदाधिकारी दर्शन के लिए आ रहे भक्तों की सुविधा की दृष्टि से व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए हैं।
ट्रस्ट महासचिव चंपत राय कारसेवकपुरम की भरत कुटी के बजाय रामजन्मभूमि परिसर से सटे तीर्थ क्षेत्र भवन में ठहरे हुए हैं। राय यहीं से ट्रस्ट की ओर से शासन और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के समन्वय से मंदिर परिसर और दर्शन से जुड़े इंतजामों की माॅनीटरिंग कर रहे हैं। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी बृहस्पतिवार को अयोध्या में ही रहे। उनके सहयोगी कमल ने बताया कि वह शुक्रवार को यहां से पुणे अभी-अभी चले गए।
पौष पूर्णिमा पर रामनगरी में उमड़े तीन लाख भक्त
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के तीसरे दिन भी रामनगरी में जयघोष गूंजता रहा। बृहस्पतिवार को पौष पूर्णिमा का भी संयोग रहा। ऐसे में अयोध्या पहुंचे भक्तों ने न सिर्फ पावन सलिला सरयू में पुण्य की डुबकी लगाई, बल्कि रामलला के दर्शन को भी आतुर दिखे। रामनगरी सुबह चार बजे से ही से भक्तों से गुलजार हो गई। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक पौष पूर्णिमा पर करीब तीन लाख भक्तों ने अयोध्या आकर सरयू स्नान व मठ-मंदिरों में दर्शन किए।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पौष पूर्णिमा कहलाती है। इस साल पौष पूर्णिमा बृहस्पतिवार को मनाई गई। पौष पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सभी कष्ट और दोष दूर हो जाते हैं। माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस बार पौष पूर्णिमा पर सात ऐसे संयोग रहे जो बेहद शुभ माने जाते हैं। इनमें गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि, प्रीति योग, त्रिग्रही योग और गुरु योग का संयोग रहा।
इन शुभ संयोगों में सरयू स्नान करने भक्तों का रेला उमड़ा। तड़के से ही सरयू के घाटों पर जयकारे गूंजने लगे थे। भीषण शीतलहर व कड़कड़ाती ठंड के बीच रामनाम के बल पर भक्त सरयू में डुबकी लगाते रहे। सरयू में स्नान-दान के बाद भक्तों का कारवां राम जन्मभूमि व हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए निकल पड़ा। भक्तों मे सबसे ज्यादा ललक नवनिर्मित महल में विराजे बालक राम के दर्शन की रही। राम नगरी दिन भर रामधुन गुनगुनाती रही।
बजाओ ढोल स्वागत में मेरे घर राम आए हैं... भजन पर नृत्य करते हुए श्रद्धालुओं का जत्था सरयू तट से राममंदिर की ओर बढ़ा जा रहा था। मध्य प्रदेश से आए श्रद्धालु श्याम लाल केसरवानी ने कहा अयोध्या आकर हम लोग धन्य, अभिभूत है। वहीं नागपुर से करीब 150 श्रद्धालु ड्रम बजाते अयोध्या पहुंचे। इन श्रद्धालुओं ने भी रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। दूसरी तरफ तमिलनाडु से 35 सदस्यों का परिवार अयोध्या राम जन्मभूमि देखकर और सरजू नदी में स्नान कर निहाल हो गया।
तीन मेमू ट्रेनें शुरू, कई लेट
रामलला के दर्शन कराने के लिए मेमू ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। आस्था स्पेशल ट्रेनों के ठहराव वाले स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है। बैरियर लगाकर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। जीआरपी व आरपीएफ के अफसर यहां कैंप कह रहे हैं। स्पेशल ट्रेनें 26 जनवरी से चलेंगी।
गुरुवार को तीन मेमू ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया। मनकापुर से अयोध्या की ट्रेन अपने निर्धारित समय से लगभग 20 मिनट की देरी से पहुंची। अयोध्या कैंट से लखनऊ के लिए मेमू सुबह भेजी गई। प्रयागराज संगम से आने वाली मेमू लगभग दो घंटे के विलंब से यहां पहुंची। आस्था स्पेशल ट्रेनें आज 26 जनवरी से शुरू हुई।
आस्था स्पेशल ट्रेनों के ठहराव वाले स्टेशन पर पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम की व्यवस्था की जा रही है। जीआरपी और आरपीएफ के अफसर यहां तैनात है। जीआरपी के एसपी प्रशांत कुमार सहित चार सीओ कैंप कर रहे हैं। इसी तरह आरपीएफ के अफसर भी मौजूद हैं। अयोध्या धाम, अयोध्या कैंट के साथ दर्शन नगर और सालारपुर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए है। कैंप कर रहे सीओ संजीव कुमार का कहना है कि इन सभी स्टेशनों पर पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इन स्टेशनों पर पर्याप्त संख्या में जीआरपी और आरपीएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं। अयोध्या कैंट से जाने वाली जलियावाला बाग एक्सप्रेस एक घंटे लेट, दून एक्सप्रेस 20 मिनट, गंगा सतलज एक्सप्रेस एक घंटे लेट रही।