वाराणसी :: लोकबंधु राजनारायण की पुण्यतिथि पर एकाधिकार के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान,,,।
वाराणसी, बेनियाबाग :: लोकबंधु राज नारायण की पुण्यतिथि रविवार को बेनियाबाग में बनाई गई। इस मौके पर उपस्थित समाजवादियों ने देश में बढ़ते एकाधिकार के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान किया। समाजवादी चिंतक विजय नारायण ने कहा कि लोकबंधु तानाशाही के खिलाफ संघर्ष के प्रतिमान थे। उनके नाम पर संग्रहालय की स्थापना की जरूरत है।
173 सांसद का निलंबन तानाशाही का प्रतीक है। महिला सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता समाप्त करने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण शुरुआत है। इस तरह सांसदों को डराया जा रहा है। पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल ने कहा राज नारायण लोकतंत्र के प्रहरी थे। उनके जैसी शख्सियत कभी-कभी पैदा होती है।
प्रो. सतीश राय ने कहा राज नारायण काशी के महान सपूत एवं लोकतंत्र के नायक थे। प्रो. सुरेंद्र सिंह ने कहा राज नारायण सड़क के नेता थे। उनके गांव की तरफ बनने वाले स्टेडियम का नामकरण उनके नाम पर होना चाहिए।
संचालन डॉ. दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव ने किया। राकेश पाठक, अतहर जमाल लारी, डॉ उमाशंकर यादव, कुंवर सुरेश सिंह, गोपालजी यादव, जावेद अख्तर, डॉ जयशंकर जय, प्रमोद सिंह, पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, अनिल तिवारी, कैलाश सिंह, संजीव सिंह, प्रहलाद तिवारी आदि ने विचार व्यक्त किए।
सपा कार्यालय में हुई गोष्ठी
लोकबंधु की 37वीं पुण्यतिथि समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय अर्दली बाजार में मनाई गई। इस अवसर पर लोकबंधु के जीवन दर्शन पर विचार गोष्ठी हुई। वक्ताओं ने कहा कि लोकबंधु राजनारायण हमेशा आम आदमी के हित की बात करते थे। भारतीय लोकतंत्र एवं राजनीति की बेहतरी के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष किया।
अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़, संचालन जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू ने किया। गोष्ठी में अजय फौजी, विनोद यादव, हीरू यादव, गोपाल पांडेय, डॉ. फैसल रहमान, रामकुमार यादव, धर्मवीर सिंह पटेल, रवींद्र यादव, आशीष कुमार, रवि यादव कल्लू, संजय सोनकर, अमन यादव, राहुल कुमार आदि ने विचार रखे।