अयोध्या में राम मंदिर का तो हो गया उद्घाटन, कहां तक पहुंचा मस्जिद निर्माण का काम?,,,।
लखनऊ, ब्यूरो। भव्य समारोह के बीच अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन और मंदिर के भूतल में रामलला की स्थापना हो चुकी है। लेकिन मंदिर से लगभग 25 किमी की दूरी पर धन्नीपुर में जिस मस्जिद का निर्माण होना था, उसका काम कितना आगे बढ़ा है?जमीन का आवंटन राम मंदिर और मस्जिद के लिए एक ही समय पर हुई थी। राम मंदिर का उद्घाटन हो गया लेकिन मस्जिद को लेकर अयोध्या में कितनी सुगबुगाहट है?
क्या शुरू हुआ है निर्माण कार्य?
अयोध्या में तैयार होने वाले मस्जिद का निर्माण तो दूर, मस्जिद की नींव भी अभी तक नहीं पड़ी है। मीडिया से हुई बातचीत में मस्जिद डेवलपमेंट कमेटी के अध्यक्ष हाजी अराफात शेख का कहना है कि रमजान के महीने में किसी पवित्र दिन मस्जिद की नींव रखी जाएगी, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। हालांकि इसकी अभी तक कोई आधिकारिक तारीख जारी नहीं की गयी है। संभावना जतायी जा रही है कि इस साल अप्रैल-मई के महीने से धन्नीपुर में मस्जिद का निर्माण शुरू हो पाएगा।
क्यों हो रही है मस्जिद निर्माण में देरी?
मस्जिद के निर्माण के लिए साल 2020 में ही इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नाम से एक ट्रस्ट का गठन किया गया था। इस ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने मस्जिद निर्माण का काम शुरू होने में देर होने का प्राथमिक कारण पैसों की कमी बताया है। मीडिया से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि ट्रस्ट इस जमीन पर मस्जिद निर्माण को लेकर बड़ी योजनाएं बना रहा है। यहां मस्जिद के अलवा एक फ्री अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल, एक कम्यूनिटी कैन्टीन और 1857 की स्वतंत्रता की पहली लड़ाई की यादों को संजोने के लिए एक म्यूज़ियम बनाने की योजना है।
फंड रेजिंग जिस समय शुरू किया गया था, उस समय हमें जितनी उम्मीद थी, उससे अभी तक कम पैसा जमा हुआ है। इसलिए निर्माण शुरू होने में भी देर हो रही है। साथ उन्होंने यह भी कहा कि फंड रेजिंग के काम में तेजी लाने के लिए रणनीति को बदली गयी है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि 2-3 महीनों के भीतर हम इसके लिए एक रोड मैप और टाइम शेड्यूल तैयार कर लेंगे।
क्या होगा इस मस्जिद का नाम?
राम मंदिर से महज 25 किमी दूर धन्नीपुर में बनने वाले इस मस्जिद का नाम कई बार बदला गया। सबसे पहले इस मस्जिद का नाम धन्नीपुर मस्जिद रखा गया था। इसके बाद काफी सोच-विचार करने के बाद इसका नाम मस्जिद-ए-अमान रखने का फैसला लिया गया। फिर इसका नाम स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुलील्लाह शाह फौजदारी के नाम पर रखने का विचार किया गया। लेकिन आखिरकार अयोध्या के मस्जिद का नाम 'मोहम्मद बिन अबदुल्लाह मस्जिद' रखने पर सबकी एक राय बन गयी है। बताया जाता है कि यह नाम हजरत मुहम्मद के पिता का नाम है।
क्या-क्या खास होगा मस्जिद में?
* मस्जिद में सिया, सुन्नी, तबलिकी हर तरह के मुस्लिमों को प्रवेश करने व अल्लाह की इबादत करने का अधिकार होगा।
* मस्जिद में 5 मीनारें होंगी, जिनकी ऊंचाई 340 फीट होगी। 5 मीनारें शाहदा (विश्वास), सालाह (नमाज), सवान (रोजा), जाकत (दान) और हज का प्रतिक होंगी।
* मस्जिद दो हिस्सों में तैयार होगा। बेसमेंट और पहला तल्ला।
* मस्जिद में महिलाओं के लिए नमाज पढ़ने की अलग जगह होगी।
* दिवारों पर कैलीग्राफी के माध्यम से कुरान की पंक्तियां उकेरी जाएंगी।
* दुनिया की सबसे बड़ी कुरान इस मस्जिद में रखी जाएगी। रमजान के समय इसी कुरान को पढ़ा भी जाएगा।
* विशाल एक्वेरियम और अंडरवाटर जू होगा जिसका आकार दुबई के एक्वेरियम से भी बड़ा होगा। यहां लगभग 400 प्रकार के जलीय जीव रहेंगे।