नईदिल्ली :: आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को किया अलर्ट, बैंकिंग सेक्टर में बढ़ रहा लोन रिस्क,,,।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बैंकों से सेक्टर में बढ़ते जोखिमों के प्रति सतर्क रहने के लिए कहा। उन्हों कहा कि आत्मसंतुष्टि की कोई गुंजाइश नहीं है। गवर्नर ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के चुनिंदा बैंकों के प्रबंध निदेशकों और सीईओ के साथ बैठक की।ऐसी आखिरी बैठक 11 जुलाई, 2023 को हुई थी।
यह आरबीआई की बैंकों, एनबीएफसी और उसके दायरे में आने वाली अन्य इकाइयों के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ निरंतर बातचीत करने की मुहिम का हिस्सा है। आरबीआई ने बयान में कहा कि गवर्नर ने बैंकों के बेहतर वित्तीय प्रदर्शन के लिए उनकी सराहना की।
13.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा पर्सनल लोन के लिए बैंक क्रेडिट: पर्सनल लोन के लिए बैंक क्रेडिट दिसंबर 2023 तक साल-दर-साल 23% बढ़कर 13.3 लाख करोड़ रुपये हो गया। इंडिविजुअल लोन (होम लोन, कंज्यूमर लोन और ऑटो लोन) सेगमेंट में कुल लोन 28.5% बढ़कर 51.7 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसी अवधि में एनबीएफसी को बैंक क्रेडिट साल-दर-साल 15% बढ़कर 15.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एचडीएफसी बैंक के साथ एचडीएफसी के मर्जर के कारण साल-दर-साल बैंक क्रेडिट में कुल वृद्धि 19.9% रही। बिन मर्जर के बैंक क्रेडिट ग्रोथ 15.6% होती, जबकि इंडिविजुअल लोन सेगमेंट में कर्ज 17.7% होता।
किसी भी तरह की ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं: बयान के अनुसार, “बैंकों की स्वस्थ बहीखातों के साथ घरेलू वित्तीय प्रणाली की मजबूती पर गौर करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं है और बैंकों को बढ़ते जोखिमों को लेकर अपनी निगरानी बनाए रखनी चाहिए।”
दास ने बिजनेस मॉडल वायाबिलिटी, पर्सनल लोन में अत्यधिक वृद्धि, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) क्षेत्र में बैंक के कर्ज, और नकदी जोखिम प्रबंधन से जुड़े मुद्दों का भी जिक्र किया। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और साइबर सुरक्षा तैयारियों, परिचालन मजबूती, डिजिटल धोखाधड़ी से संबंधित मामलों और आंतरिक रेटिंग ढांचे को मजबूत करने की भी बात कही।
बैठक में बैंकों को आरबीआई की वित्तीय प्रौद्योगिकी (Fintech) संबंधित पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने और डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (DBU) को और बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। बैठक में डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव और स्वामीनाथन जे के साथ-साथ विनियमन तथा निगरानी कार्यों की देख-रेख कर रहे कार्यकारी निदेशक भी शामिल हुए।