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Haldwani violence: नैनीताल की DM ने  कहा, प्लानिंग के साथ की गई है हल्द्वानी हिंसा और पुलिसवालों को जलाने की कोशिश,,,।

Haldwani violence: नैनीताल की DM ने कहा, प्लानिंग के साथ की गई है हल्द्वानी हिंसा और पुलिसवालों को जलाने की कोशिश,,,।

(ANI KI REPORT) हल्द्वानी (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के हल्द्वानी के चर्चित बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर बने अवैध मदरसा व नमाज स्थल को ध्वस्त करने गई पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम पर हमले, पथराव और आगजनी को लेकर आज शुक्रवार को नैनीताल की डीएम वंदना स‍िंह ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की। 

हल्द्वानी डीएम वंदना स‍िंह ने बताया, "होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए, कुछ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया।

यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी।" डीएम वंदना स‍िंह ने कहा, "आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है।"

भीड़ ने नगर निगम टीम पर क‍िया पहला हमला

डीएम ने बताया, "हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया, क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं थी, किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं था... विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया। हमारी टीमें और संसाधन मूव हुई और किसो को उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया, जिससे जनसंपत्ति की हानि हमारी टीमों (पुलिस और प्रशासन) के माध्यम से हो। अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ... पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ ने हमारी नगर निगम टीम पर पहला हमला किया।"

पहले से बनाई गई थी हमले की योजना 

उन्‍होंने कहा, "ये योजना बनाई गई थी कि जिस दिन डिमोलिशन अभियान चलाया जाएगा उस दिन बलों पर हमला किया जाएगा... हमने पत्थरों वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया और दूसरी भीड़ जो आई उसके पास पेट्रोल से भरे बोतल थे उसमें उन्होंने आग लाग के फेंकी।..तब तक हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया था।

पुल‍िसवालों को जलाने की कोशि‍श 

उन्‍होंने कहा, "...भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा...पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया...''