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नईदिल्ली :: नमो ऐप भी तय कर रहा भाजपा सांसदों का भविष्य, करीब 80 के टिकट पर संकट, क्या-क्या है तैयारी, जानें,,,।

नईदिल्ली :: नमो ऐप भी तय कर रहा भाजपा सांसदों का भविष्य, करीब 80 के टिकट पर संकट, क्या-क्या है तैयारी, जानें,,,।

नईदिल्ली, ब्यूरो। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी जल्द ही पहली सूची का ऐलान करने वाली है। बताया जा रहा है कि आम चुनाव को लेकर भाजपा ने पूरा गणित तैयार कर लिया है। अब बस प्रत्याशियों का ऐलान ही बाकी रह गया है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव कमेटी ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को देर रात तक मंथन किया। इसमें भाजपा के शीर्ष नेता मौजूद थे। वहीं कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे थे। 

सूत्रों का कहना है कि जनता से लिए गए फीडबैक, आंतरिक सर्वे और रणनीतिक चर्चा के आधार पर ही प्रत्याशियों के नाम तय किए गए हैं। वहीं करीब 80 सांसदों के टिकट पर संकट मंडरा रहा है। इस बार सांसदों की लिस्ट तैयार करने में नमो ऐप का भी बड़ा योगदान है। नमो ऐप पर जनता के फीडबैक को पूरा ध्यान में रखा जा रहा है और यहां से मिली प्रतिक्रिया सांसदों के भविष्य को तय करने में बड़ी भूमिका निभा रही है। 

भाजपा मुख्यालय में देर रात तक चली बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद थे। इस मीटिंग में सभी 543 सीटों को लेकर चर्चा की गई। बता दें कि अप्रैल-मई में चुनाव कराए जाने की पूरी संभावना है और जल्द ही चुनाव आयोग इसका ऐलान भी कर सकता है। 

जनता से लिया गया फीडबैक

भाजपा ने जमीनी स्तर पर जाकर जनता से भी सांसदों का फीडबैक लिया है। नमो ऐप पर लोगों को अपने सांसदों के बारे में राय व्यक्त करने का विकल्प उपलब्ध करवाया गया था। इसके अलावा हर इलाके में कम से कम तीन नेताओं को फीडबैक लेने की जिम्मेदारी भी दी गई थी। इस तरह से बॉटम टु टॉप अप्रोच से भाजपा ऐसे प्रत्याशियों का चयन करना चाहती है जो कि जनता को भी पसंद हों। इसके अलावा मौजूदा सांसद अगर जनता की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं तभी उन्हें टिकट मिलने की संभावना है। 

सर्वे एजेंसियों का भी लिया सहारा

भाजपा पिछले दो साल से लगातार अपने सांसदों का फीडबैक ले रही है। इसके अलावा लोकसभा क्षेत्रों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सर्वे एजेंसियों का भी सहारा लिया गया है। इसके अलावा मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी गई थी कि वे लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करें और मौजूदा सांसदों के बारे में जनता की राय का पता लगाएं। मंत्रियों से मिली जानकारी, संगठन से हासिल फीडबैक, जनता की प्रतिक्रिया और राज्यों की इलेक्शन कमेटी के साथ चर्चा के बाद प्रत्याशियों के नाम पर फाइनल मोहर लगाई गई है। 

भाजपा अब पार्टी के अंदर ही नहीं बल्कि दूसरी पार्टियों तक भी अपना दायरा बढ़ा रही है। भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन सांसदों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है उनका बिना किसी झिझक के टिकट काट दिया जाएगा। ऐसे में संभव है कि 80 के करीब पुराने सांसदों की जगह पर नए चेहरों को चुनाव में उतारा जाए।