बड़ी ख़बर :: नायब सिंह सैनी बने हरियाणा के नए सीएम, एक निर्दलीय समेत पांच विधायक बने मंत्री, कोई नया चेहरा नहीं,,,।
आज शाम को नायब सिंह सैनी के रूप में हरियाणा को अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आज मंगलवार शाम को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल भी मौजूद रहे।
उन्होंने पीठ थपथपा कर सैनी को आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही पांच विधायकों की मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल में कोई नया चेहरा नहीं शामिल किया गया है।
कंवरपाल गुर्जर मंत्रिमंडल में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। वह मनोहर लाल सरकार में भी शिक्षा मंत्री थे। मंगलवार को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। इनके अलावा जेपी दलाल को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। वे मनोहर सरकार में कृषि मंत्री थे। निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने भी नई सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। वह मनोहर सरकार में बिजली मंत्री रह चुके हैं। मनोहर सरकार में परिवहन मंत्री रहे मूलचंद शर्मा को नई सरकार में भी मंत्री बनाया गया है। अभी विभागों का आवंटन नहीं हुआ है।
* नायब सिंह सैनी को हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के क़रीबी नेताओं में शुमार किया जाता है।
* खट्टर के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही नायब सिंह सैनी को कैबिनेट में जगह दी गयी।
* इसके बाद उन्हें खान एवं भू-विज्ञान और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की ज़िम्मेदारी दी गयी।
* इसके बाद साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से उतारा जिसमें उन्होंने 3.84 लाख वोटों से जीत दर्ज की।
इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
* कंवर पाल गुर्जर भाजपा
* बनवारी लाल भाजपा
* मूलचंद शर्मा भाजपा
* जेपी दलाल भाजपा
* रणजीत सिंह चौटाला निर्दलीय
कंवर पाल गुर्जर
कंवर पाल गुर्जर मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष थे। मगर दूसरे कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट में जगह मिली। अब नायब सिंह सैनी सरकार में भी मंत्री बने हैं। कंवर पाल यमुनानगर जिले की जगाधरी सीट से विधायक हैं। उन्होंने 1990 में भाजपा से अपने करियर की शुरुआत की थी। 1991 में छछरौली विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा था। कंवरपाल गुर्जर का जन्म 8 मई 1960 को यमुनानगर के बहादुरपुर गांव में हुआ। इनका साधारण किसान परिवार से ताल्लुक है।
राजनीतिक जीवन
* 1990 में कंवरपाल गुर्जर ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की
* दो बार भारतीय जनता पार्टी के जिला महासचिव बने
* तीन बार भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव बने
* 1991 में छछरौली से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा
* तीन नवंबर 2014 को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष बने
* 2000, 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव जीत चुके
जेपी दलाल
जेपी दलाल ने जेई की नौकरी छोड़ राजनीति में कदम रखा था। राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 से की थी। भिवानी की लोहारू सीट से जेपी दलाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। मगर हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा और 2014 का चुनाव भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा। यहां भी किस्मत ने साथ नहीं दिया और मामूली अंतर से हार हुई। 2019 में भाजपा की टिकट पर 18 हजार मतों से जीत हासिल की। इसके बाद मनोहर लाल के दूसरे कार्यकाल में उन्हें कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। अब नायब सिंह सैनी कैबिनेट का भी जेपी दलाल हिस्सा होंगे।
रणजीत सिंह चौटाला
हरियाणा की नई कैबिनेट में रणजीत सिंह चौटाला को भी जगह मिली है। मनोहर लाल कैबिनेट के बाद अब नायब सिंह सैनी कैबिनेट में शामिल होने वाले वह इकलौते निर्दलीय विधायक हैं। रणजीत सिंह पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं। रणजीत सिंह हरियाणा की रानियां विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। चौटाला परिवार से ताल्लुक रखने वाले रणजीत की रानियां में खासी पहचान है। कांग्रेस से टिकट कटने पर वे निर्दलीय मैदान में उतरे थे और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोविंद कांडा को 19431 वोट से हराया था।
डॉ. बनवारी लाल
डॉ. बनवारी लाल को नई कैबिनेट में भी जगह मिली है। मनोहर लाल सरकार में भी वे मंत्री थे। हरियाणा की बावल विधानसभा सीट से वे भाजपा विधायक हैं।
बावल विधानसभा की आरक्षित सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने।
प्रदेश में पहली बार बनी भाजपा की सरकार में जन स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे।
मूलरूप से नारनौल निवासी हैं लेकिन लंबे समय से बावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर एसएमओ कार्यरत रहे।
सरकारी नौकरी छोड़कर बावल में ही लंबे समय से राजनीति करने के साथ अस्पताल चला रहे थे।
2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर राव इंद्रजीत के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे।
राव इंद्रजीत की बदौलत ही भाजपा का टिकट मिला था।
राव इंद्रजीत समर्थक माने जाते हैं।
मूलचंद शर्मा
मूलचंद शर्मा भाजपा के टिकट पर दूसरी बार चुनाव जीते हैं। पहली बार इन्होंने कांग्रेस के लखन सिंगला को हराया था और इस बार आनंद कौशिक को मात देने में कामयाब रहे। बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे राम विलास शर्मा के समधी हैं। बता दें कि रामबिलास शर्मा को इस बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।