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प्रिंसिपल का दिल आया टीचर पर अचानक से प्रिंसिपल आया और मैडम को पीछे से पकड़ा, बाल खींचकर ले गया और फिर,,,।

प्रिंसिपल का दिल आया टीचर पर अचानक से प्रिंसिपल आया और मैडम को पीछे से पकड़ा, बाल खींचकर ले गया और फिर,,,।

यूपी :: गाजियाबाद जिले के मसूरी इलाके के एक एक स्कूल की महिला प्रधानाचार्य के खिलाफ अपने विद्यालय की दलित शिक्षिका के साथ मारपीट करने और उसे जातिसूचक शब्द कहने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी, पुलिस के अनुसार, जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय, मसूरी की एक कंप्यूटर शिक्षिका को अन्य विषयों की कक्षाएं लेने से इनकार करने पर स्कूल की प्रधानाचार्य ने कथित तौर पर पीटा।

निगरावठी गांव निवासी दलित शिक्षिका अंशिका की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, चार मार्च को स्कूल की प्रधानाचार्य पूनम कुशवाहा ने उसे कंप्यूटर का विषय पढ़ाने के बजाय दूसरे विषय पढ़ाने के लिए कहा. अंशिका ने पुलिस को बताया कि इस संबंध में उसने उच्च अधिकारी से शिकायत की, जिन्होंने उसे कंप्यूटर के अलावा कोई अन्य विषय न पढ़ाने की हिदायत भी दी।

अंशिका ने आरोप लगाया कि बाद में जब वह वापस कंप्यूटर पर काम करने गई तो प्रधानाचार्य वहां पहुंची और उसके बाल पकड़कर उसे पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य ने अंशिका के लिए जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया।

पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस के अनुसार, जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय, मसूरी की एक कंप्यूटर शिक्षिका को अन्य विषयों की कक्षाएं लेने से इनकार करने पर स्कूल की प्रधानाचार्य ने कथित तौर पर पीटा।

निगरावठी गांव निवासी दलित शिक्षिका अंशिका की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, चार मार्च को स्कूल की प्रधानाचार्य पूनम कुशवाहा ने उसे कंप्यूटर का विषय पढ़ाने के बजाय दूसरे विषय पढ़ाने के लिए कहा. अंशिका ने पुलिस को बताया कि इस संबंध में उसने उच्च अधिकारी से शिकायत की, जिन्होंने उसे कंप्यूटर के अलावा कोई अन्य विषय न पढ़ाने की हिदायत भी दी।

अंशिका ने आरोप लगाया कि बाद में जब वह वापस कंप्यूटर पर काम करने गई तो प्रधानाचार्य वहां पहुंची और उसके बाल पकड़कर उसे पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य ने अंशिका के लिए जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया।

इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया गया है। मसूरी के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) नरेश कुमार ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) और अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।