निर्भया का केस लड़ने वाली महिला वकील बीजेपी में हुई शामिल, पिछली बार यूपी की इस सीट से लड़ा था लोकसभा चुनाव,,,।
उत्तर प्रदेश के लालगंज से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सांसद संगीता आजाद ने लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामन लिया। उन्होंने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी महासचिव विनोद तावड़े और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
संगीता आजाद के साथ ही उनके पति अरिमर्दन आजाद और प्रसिद्ध अधिवक्ता और निर्भया कांड में पीड़ित पक्ष के लिए अदालती लड़ाई लड़ने वाली सीमा कुशवाहा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अरिमर्दन लालगंज से विधायक रह चुके हैं। संगीता ने साल 2019 में लालगंज से भाजपा की तत्कालीन सांसद नीलम सोनकर को 1.61 लाख से अधिक मतों से पराजित किया था।
कौन हैं सीमा समृद्धि
सीमा समृद्धि को सीमा समृद्धि कुशवाहा के नाम से भी जाना जाता है। वह सुप्रीम कोर्ट में एक वकील हैं। इससे पदले वह बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं। वह 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में निर्भया की कानूनी सलाहकार होने के लिए जानी जाती हैं। उनकी लंबी कानूनी लड़ाई की वजह से चार दोषियों को 20 मार्च 2020 को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।
संगीता के परिवार का पूर्वांचल की राजनीति में खासा प्रभाव
संगीता के परिवार का उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की राजनीति में खासा प्रभाव है। संगीता के ससुर गांधी आजाद क्षेत्र का जाना-माना चेहरा रहे हैं और बसपा के संस्थापक सदस्यों में थे। संगीता आजाद ने पिछले कुछ समय से बसपा से दूरी बना ली थी और वह पार्टी के आयोजनों में भी नहीं जाती थीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। तभी से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें थीं।
संगीता आजाद सही मायनो में आज आजाद- बीजेपी महासचिव
संगीता आजाद के बीजेपी में शामिल होने पर बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि संगीता आजाद सही मायनो में आज आजाद मान रही होंगी जो पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करने आई हैं। वहीं उन्होंने कहा कि इनके क्षमता का पूरा उपयोग होगा और बीजेपी जब नारी शक्ति के लिए बढ़ चढ़कर काम कर रही हो ऐसे में सीमा जैसे लोगों का उपयोग पार्टी करेगी।
वहीं, दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को चुनावी बॉण्ड के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को महत्वपूर्ण करार देते हुए संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतत प्रयास जरूरी बताया ।