अद्भुत नजारे, परम्परा के साथ मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म से खेली गई होली, विदेशी सैलानियों सहित लाखों श्रद्धालु हुए शामिल,,,।
बाबा की नगरी काशी में रंगभरी एकादशी के बाद आज गुरुवार को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर मसाने की होली खेलने की परंपरा का हिस्सा बनने के लिए लोगों का उत्साह चरम सीमा पर रहा।आज महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर लाखों लोगों ने भस्म की होली खेली। चिता भस्म की होली पर बाबा के भक्त जमकर झूमे और मसान खेलें मसाने में होली दिगंबर.... के बोलों से गूंज उठा।
बाबा के भक्तों ने हर हर महादेव के साथ-साथ जय श्रीराम के बुलंद नारों के साथ बाबा के संग जमकर मसान की होली खेली। इस दौरान हर हर महादेव के जयघोष बारंबार लगते रहे। साथ ही लोगों ने डमरू बजाकर होली के हुड़दंग का आगाज कर दिया।
भूतनाथ की मंगल-होरी, देखि सिहाएं बिरिज के गोरी, धन-धन नाथ अघोरी दिगंबर खेलैं मसाने में होरी। महाश्मशान में जहां राग और विराग एकाकार हुए। वहीं, ब्रज की होली के रंग भी बिखरे। भूत भावन महादेव जब होली खेलने निकले तो शिवगणों की भी होली हो ली।
गुरुवार को मणिकर्णिका तीर्थ पर स्थित महाश्मशान अनोखी होली का साक्षी बना।
मणिकर्णिका महाश्मशान पर एक तरफ धधकती चिताएं तो दूसरी तरफ अपने आराध्य संग होली खेलने को आतुर शिवगणों का उल्लास देखते ही बन रहा था महाश्मशान की होली में इस बार ब्रज के रंग भी घुल गए। चिता भस्म के साथ हवा में उड़ रहे गुलाल ने पूरे माहौल में राग, विराग, प्रेम और उल्लास के रंग में जैसे घोल दिए। जलती चिताओं की परिक्रमा करने के बाद बाबा मसान नाथ का आशीर्वाद लेकर चिता भस्म की होली शुरू हुई तो बस आज सब शिव के रंग में रंगे नजर आने लगे।
भोले भक्तों ने काशी में रंगभरी एकादशी के अगले दिन आज गुरूवार को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर मसाने की होली खेलने की परंपरा निभाई गई।
मान्यता है कि चिता भस्म की होली बाबा मसान नाथ को प्रसन्न करने के साथ ही शुरू हो जाती है। मसान नाथ की पूजा के बाद दोपहर में रंगों के साथ चिता भस्म की होली मणिकर्णिका घाट पर शुरू हुई तो शिव की नगरी रंगों में डूब गई। और मणिकर्णिका घाट पर लाखों लोगों की भीड़ का जन सैलाब इसका साक्षी रहा।