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काशी क्षेत्र के और नौ उत्पादकों को Gi टैग, कुल मिलाकर 32 हुए Gi टैग, हस्त शिल्पियों और उद्यमियों में है खुशी की लहर...

काशी क्षेत्र के और नौ उत्पादकों को Gi टैग, कुल मिलाकर 32 हुए Gi टैग, हस्त शिल्पियों और उद्यमियों में है खुशी की लहर...

काशी क्षेत्र में नौ और जीआई उत्पादों को मंजूरी मिल गई है। अब काशी क्षेत्र से कुल 32 जीआई उत्पाद हो चुके हैं। वहीं, 69 जीआई उत्पादों के साथ यूपी देश का पहला सबसे ज्यादा जीआई वाला प्रदेश बन गया। जीआई रजिस्ट्री चेन्नई के एप्लीकेशन स्टेटस से जानकारी मिलते ही हस्तशिल्पियों और उद्यमियों में खुशी छा गई।

जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया कि वाराणसी क्षेत्र से 9 जीआई उत्पाद पंजीकृत हुए, जिसमें विश्वप्रसिद्ध बनारस की ठंडई, लाल पेड़ा के साथ ही संगीत वाद्ययंत्र बनारस शहनाई, बनारसी तबला, लाल भरवा मिर्च, चिरईगांव का करौंदा, जौनपुर की इमरती, बनारस की म्यूरल पेंटिंग और मूंज क्राफ्ट शामिल है। साथ ही अब काशी क्षेत्र एवं पूर्वांचल के जनपदों में कुल 32 जीआई उत्पाद देश की बौद्धिक संपदा अधिकार में शुमार हो गए, जो दुनिया के किसी भू-भाग में नहीं है।

दुनिया में जीआई का हब और सर्वाधिक विविधता वाला जीआई का शहर बनारस बन गया है। बताया कि 2017 के बाद मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यूपी में तेजी से विकास ने गति पकड़ी और देश के तमाम राज्यों को पीछे छोड़ते हुए आज 69 जीआई टैग के साथ भारत में प्रथम स्थान पर पहुंचने का गौरव हासिल किया है।

नौ साल पहले सिर्फ दो थे जीआई उत्पाद

2014 के पहले वाराणसी क्षेत्र से मात्र 2 जीआई उत्पाद बनारस ब्रोकेड व साड़ी और भदोही की कालीन को ही यह दर्जा प्राप्त था, लेकिन नौ वर्षों में यह संख्या 32 तक पहुंच गई। वाराणसी परिक्षेत्र व नजदीकी जीआई पंजीकृत जनपदों में ही लगभग 30 हजार करोड़ का वार्षिक कारोबार के साथ ही 20 लाख लोगों को परंपरागत उत्पादों का कानूनी संरक्षण प्राप्त हुआ।

पिछले साल की तुलना में तीन गुना वृद्धि

डॉ. रजनीकांत ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जीआई रजिस्ट्री चेन्नई के सफल प्रयास से कुल 160 नए उत्पादों का जीआई पंजीकरण हुआ, जो पिछले वर्ष 55 जीआई टैग की तुलना में तीन गुना है। इसमें अकेले संस्था हयूमन वेलफेयर एसोसिएशन वाराणसी के तकनीकी सहयोग से 12 राज्यों में 99 जीआई पंजीकरण हुआ। अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, असम, जम्मू एंड कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, गुजरात, उत्तराखंड के साथ-साथ यूपी के 14 नए जीआई पंजीकरण शामिल हैं।