Headlines
Loading...
खुलासा::महिला डॉक्टर के घर डकैती, 50 लाख व 20 तोला सोना लूटा पर पुलिस ने चंद घंटों में ही पांच आरोपियों को दबोचा...

खुलासा::महिला डॉक्टर के घर डकैती, 50 लाख व 20 तोला सोना लूटा पर पुलिस ने चंद घंटों में ही पांच आरोपियों को दबोचा...

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल जिले के चूनाभट्टी क्षेत्र के शाहपुरा में रहने वाली एक महिला डॉक्टर के घर सोमवार को हुई डकैती का पुलिस ने चंद घंटों में ही खुलासा कर दिया। मामले में डॉक्टर के एक नाबालिग नौकर समेत कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 49 लाख रुपये नकद, घटना में इस्तेमाल मारुति वैन, एक मोटर सायकिल, कट्टा-कारतूस, धारदार हथियार चाकू, हथौड़ा और लूटे गए चेक तथा एटीएम कार्ड जब्त किए हैं। वारदात का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनाम देने की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय से की गई है। 

ड्राइवर ने दिया वारदात को अंजाम

लूट की इस घटना को डॉक्टर के ड्रायवर ने ही योजना बनाकर अंजाम दिया था। वारदात के समय डॉक्टर का पूरा परिवार बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए होटल गया हुआ था। बदमाशों ने 40 मिनट के भीतर 50 लाख नकद और 20 लाख के जेवरात चोरी कर लिए थे। हालांकि, पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि लूटी गई रकम करीब 80 लाख रुपये थी। वारदात शामिल रहे लगभग आधा दर्जन अन्य बदमाशों की तलाश की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी के बाद जेवरात और बाकी रकम बरामद होने की उम्मीद है। 

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने मीडिया को बताया कि मूलत: सतना निवासी ज्ञानेंद्र सिंह परिहार (59) यहां बी-234 शाहपुरा में परिवार के साथ रहते हैं। बड़े किसान होने के साथ ही शहर में उनके कई फार्महाउस और दुकानें हैं। परिवार में पत्नी सविता सिंह के साथ ही तीन बेटियां सोनल सिंह, डॉ. अंशुल सिंह और प्रियल सिंह हैं। सुमन सिंह शहर से बाहर गई हुई हैं। सबसे छोटी बेटी प्रियल सिंह का सोमवार को बर्थडे था, इसलिए पूरा परिवार खाना खाने के लिए होटल गया था। इस दौरान घर पर काम करने वाले धर्मेंद्र सिंह परिहार, उनकी पत्नी सुमन परिहार और एक नाबालिग लड़का था। 

सोमवार रात करीब सवा 10 बजे आधा दर्जन नकाबपोश बदमाश घर के अंदर दाखिल हुए और धर्मेंद्र और उनकी पत्नी के साथ हथौड़े से मारकर लहूलुहान कर दिया और उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद नाबालिग के साथ मारपीट कर उसे दूसरे कमरे में बंद कर दिया। बाद में पूरे घर की तलाशी ली और ज्ञानेंद्र सिंह के कमरे से 50 लाख रुपये नकदी तथा 10 लाख रुपये कीमत के सोने और डायमंड के जेवरात चोरी कर भाग निकले। 

सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने नौकर धर्मेंद्र की रिपोर्ट पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ डकैती का केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की। इस मामले में आरोपी लक्ष्मण सिंह कीर निवासी पाल ढाबा के पीछे मिसरोद, अमित राठौर निवासी संतोष नगर मंडीदीप, संतोष कुमार जांगड़े निवासी पार्क सिटी शिवालिक ब्लाक मंडीदीप, सोनू अहिरवार उर्फ बलवंत निवासी रामनगर मंडीदीप और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया गया है।

नौकर ने बनाई थी लूटपाट की योजना, चचेरे भाई को किया शामिल

घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद पुलिस ने परिवार वालों से बातचीत की। घर पर काम करने वाले नाबालिग और ड्रायवरी करने वाले उसके चचेरे भाई को संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने जब इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे तो बदमाशों को मंडीदीप तरफ भागने के संकेत मिले। भोपाल और रायसेन की पुलिस को अलर्ट करते हुए सघनता के साथ चैकिंग के निर्देश दिए गए। इसी बीच, मिसरोद पुलिस को एक व्यक्ति बाइक धकाते हुए लेकर जाते दिखाई दिया। पूछताछ पर उसने अपना नाम लक्ष्मण बताया। उसे चोट भी लगी हुई थी। तलाशी लेने पर उसके पास पिस्टल रखने का एक खाली कवर और दो कारतूस मिले। यह कवर ज्ञानेंद्र सिंह की पिस्टल का था। आचार संहिता के चलते पिस्टल थाने में जमा करा दी गई थी, जबकि कवर और कारतूस घर पर रखे थे, जिसे बदमाश ने चोरी कर लिया था।

मंडीदीप में घर से बोरी में मिली नकदी

पकड़े गए आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस मंडीदीप में रहने वाले आरोपी अमित के घर पहुंची। उसके घर से बोरी में भरकर रखे गए लूट के रुपये और एक देशी कट्टा तथा दो कारतूस बरामद हुए। बाद में पुलिस ने दो आरोपियों संतोष और सोनू को देलाबाड़ी के जंगल से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने वारदात के बाद भागने के लिए एक मारुति वैन का इंतजाम किया था, लेकिन घटना के बाद वह स्टार्ट ही नहीं हुई। इसी प्रकार लक्ष्मण जब भाग रहा था, तब मिसरोद इलाके में उसकी बाइक खराब हो गई, जिसके कारण वह उसे पैदल धकाते हुए ले जाते समय पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

नाबालिग को बेटे की तरह मानते थे ज्ञानेंद्र सिंह

वारदात में शामिल नाबालिग ज्ञानेंद्र सिंह के घर पर रहता था और पढ़ाई करता था। उसने नौवीं की परीक्षा दी है। दरअसल पाल ढाबा के पीछे मिसरोद में ज्ञानेंद्र सिंह का फार्म हाउस है। लक्ष्मण इसी फार्म हाउस पर रहता है और ज्ञानेंद्र सिंह के यहां ड्रायवरी करता है। उसका चचेरा भाई नाबालिग भी पाल ढाबा के पीछे रहता था। ज्ञानेंद्र सिंह उसे पढ़ाने के लिए अपने घर ले आए थे। उनकी बेटियां नाबालिग को अपना छोटा भाई मानती थी। पढ़ाई के अलावा घर पर वह ज्ञानेंद्र सिंह के छोटे-मोटे काम जैसे मोबाइल, चश्मा आदि उठाकर देना, बाहर आते समय ब्रीफकेस लेकर कमरे में रखना आदि। नौकर दंपती के अलावा केवल नाबालिग ही ऐसा था, जिसका घर के प्रत्येक सदस्य के कमरों में आना-जाना था। घर के सदस्य पैसे और जेवरात कहां रखते थे, इसकी जानकारी केवल नाबालिग को रहती थी, जबकि उससे चचेरे भाई लक्ष्मण को घर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी।

40 मिनट में की थी वारदात

ज्ञानेंद्र सिंह के घर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। फुटेज के आधार पर बदमाशों ने सोमवार रात 10.10 बजे घर के अंदर प्रवेश किया और 40 मिनट बाद 10.50 मिनट पर बाहर निकल गए। कमरे में बंद किए गए दंपती ने बाहर से बाइक की आवाज सुनी थी। घर के भीतर कुल 6 बदमाश दाखिल हुए थे। इनमें से सभी ने चेहरे ढंके हुए थे, जबकि दंपती पर हथौड़ी से वार करने वाले बदमाश का चेहरा खुला हुआ था। वह काफी प्रोफेशनल लग रहा था। पारिवारिक सूत्रों का दावा है कि बदमाश घर से करीब 80 लाख रुपये की नकदी लूटकर ले गए हैं, लेकिन इसकी पुष्टि ज्ञानेंद्र की बड़ी बेटी के घर लौटने के बाद ही हो पाएगी।

सोनल को खोलना था कोचिंग इंस्टीट्यूट

परिवार की सबसे बड़ी बेटी सोनल सिंह वकील हैं। वह ज्यूडीशियरी से जुड़ा एक कोचिंग सेंटर खोलना चाहती थी, इसलिए बड़ी रकम घर पर रखी थी। इसके अलावा परिवार कुछ समय पहले एक शादी से लौटकर आया था, इसलिए जेवरात भी रखे हुए थे। नौकर लक्ष्मण जानता था कि परिवार के पास काफी पैसा है, इसलिए वह तीन महीने से डकैती की योजना बना रहा था। पिछले दिनों वारदात को अंजाम दिया जाना था, लेकिन परिवार चित्रकूट गया तो लक्ष्मण भी उनके साथ गया था, इसलिए योजना विफल हो गई थी।

स्मार्ट वॉच से मिली बदमाशों की लोकेशन

बदमाश घर में रखी डॉ. अंशुल सिंह की एपल कंपनी की स्मार्ट वॉच भी लेकर गए थे। इस रिस्ट वॉच की आखिरी लोकेशन रेहटी और सलकनपुर के आसपास मिली थी। घटना से पहले बदमाशों ने पूरी योजना तैयार की थी। डॉक्टर के घर पर दो पालतू डॉगी हैं, जिनके कारण अनजान व्यक्ति को अंदर प्रवेश संभव नहीं है। बदमाशों ने दोनों डॉगी को पीले रंग का कोई साल्यूशन खिला दिया था, जिससे उन्होंने भौंकना बंद कर दिया। मंगलवार सुबह तक दोनों डॉगी पूरी तरह से शांत रहे।

कांच का गिलास टूटा, बोतल उठाई पर पी नहीं

ज्ञानेंद्र सिंह के घर पर बार रूम बना हुआ है, जहां शराब और कांच के गिलास रखे रहते हैं। बदमाशों ने एक बोतल उठाकर दूसरे कमरे में लेकर पहुंचे, लेकिन उसे पीया नहीं। यहां स्टैंड पर टंगा एक कांच का गिलास टूटा मिला था, जो संभवत: उतारते समय गिरकर टूटा होगा। पुलिस का कहना है कि वारदात में शामिल आधा दर्जन अन्य बदमाशों की तलाश की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी पर लूटे गए जेवरात और बाकी रकम बरामद होने की उम्मीद है। घटना के चंद घंटों बाद ही बदमाशों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को 30 हजार रुपये पुरुस्कार देने की घोषणा की गई थी। टीम को 50 हजार का और पुरस्कार देने के लिए डीजीपी को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।