सुल्तानपुर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन वरुण गांधी ने मां मेनका गांधी के लिए मांगे वोट दिखाए पुराने तेवर, अमेठी का जिक्र कर सबको चौंकाया
टिकट कटने के ढाई महीने बाद दिखे वरुण गांधी, सुल्तानपुर में हुए भावुक, मां मेनका के लिए कही ये बात.....।
ब्यूरो, सुलतानपुर। सांसद वरुण गांधी गुरुवार को टिकट कटने के पूरे ढाई माह बाद मां मेनका गांधी के समर्थन में नुक्कड़ सभा करने पहुंचे। इस दौरान वह अपने पुराने तेवर में नजर आए। वरुण ने कहा, 'हमारा जितना दायरा है, उसी में काम करना चाहिए। मैं हमेशा यह बात कहता हूं कि मैं नेता नहीं एक बेटे के रूप में आपके बीच आया हूं।
अभी नहीं जब से हम पैदा हुए तब से यह हमारी कर्मभूमि है। यह हमारा परिवार है। हमको यहां की मिट्टी से प्यार है। सबके बच्चे फले-फूले, सबके सपने पूरे हों, यही मेरा सपना है। मान-सम्मान की रक्षा कीजिये। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार आप लोग सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं। किसी से कोई बैर नहीं है. यहां पर जितने लोग हैं, सब मेरे हैं।'
वरुण ने कहा, 'जब मैं सुल्तानपुर पहली बार आया, तब मुझे अपने पिताजी की खुशबू यहां पर लगी लेकिन आज मुझे यह कहने पर गर्व हो रहा है कि मैं अपनी मातृभूमि में आ गया हूं. यहां जितने लोग मौजूद हैं, अगर कभी कोई संकट में आए कभी परिवार पर कोई संकट आए वह अकेला ना समझें. मैं अपना फोन नंबर देकर जा रहा हूं. मैं आपको एक सुरक्षा कवच दे रहा हूं।'
'सुल्तानपुर की मां के लिए समर्थन जुटाने के लिए आया हूं'
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, 'पूरे देश में 543 जगह चुनाव हो रहे हैं. कई जगह बड़े-बड़े करिश्माई बड़े-बड़े अनुभवी लोग चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन पूरे देश में एक ही ऐसी लोकसभा सीट है जहां न कोई नाम से बुलाता है और ना कोई बहन जी, ना कोई सांसद जी, वहां की जनता उन्हें माता जी के नाम से बुलाती है. मां जो होती है वो एक परमात्मा के बराबर शक्ति होती है और मैं अपने मां के लिए नहीं, सुल्तानपुर की मां के लिए समर्थन जुटाने के लिए आया हूं. जो सबकी रक्षा करें, भेदभाव ना करें, मुश्किल वक्त में काम आए और निरंतर अपने हृदय में सबके लिए प्यार रखें, वह मां होती है।'
भाषण में किया अमेठी का जिक्र कर मंच से बोलते हुए वरुण गांधी ने कहा, '10 साल पहले जब मैं सुल्तानपुर चुनाव लड़ने आया था, तो लोगों ने कहा कि जो अमेठी में रौनक है, रायबरेली में रौनक है, हम वही रौनक सुल्तानपुर में भी चाहते हैं। सुल्तानपुर में जब देश का नाम लिया जाता है तो मुख्य धारा में प्रथम पंक्ति में लिया जाता है।
सुल्तानपुर का नाम आते ही मेनका गांधी का नाम सबसे पहले आता है। हर वार में जो साथ दे, वह परिवार होता है. सुल्तानपुर का कोई भी व्यक्ति कभी अकेला नहीं रहेगा, यह मैं वादा करता हूं. जैसे पीलीभीत में सबके पास वरुण गांधी का नंबर है, वैसे ही सुल्तानपुर में मैंने अपनी मां को देखा है. 12 बजे तक किसी का भी फोन आता है तो उठाती हैं और समस्या का समाधान करती हैं।'