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कालाष्टमी के दिन काल भैरव को इन चीजों का लगाएं भोग, परिवार पर होगी कृपा और घर में बनी रहेगी खुशहाली...

कालाष्टमी के दिन काल भैरव को इन चीजों का लगाएं भोग, परिवार पर होगी कृपा और घर में बनी रहेगी खुशहाली...

Kalashtami May 2024: हिन्दू धर्म में काल अष्टमी को काल भैरव की पूजा का विशेष पर्व माना जाता है। हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखकर भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा की जाती है। तंत्र-मंत्र की साधना करने वालों के लिए ये व्रत बहुत ही खास माना जाता है। 

ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी को भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की पूजा से भक्तों को सभी प्रकार के भय से मुक्ति प्राप्त होती है। ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 30 मई दिन गुरुवार को पड़ रही है और इसी दिन कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा।

कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप कालभैरव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मत है कि भगवान काल भैरव की पूजा-व्रत करने से व्यक्ति को दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। इस दिन यदि आप भगवान शिव के विग्रह अवतार काल भैरव बाबा की पूजा से आपके रोग, संकट और बाधांए दूर हो सकती हैं।

अगर आप कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने जा रहे हैं तो उनके लगने वाले भोग में कुछ खास चीजें शामिल करें। इन चीजों का भोग लगाने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और लोगों को मनचाहा वरदान मिलता है। इसके अलावा जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

काल भैरव को इन चीजों का लगाएं भोग

* कालाष्टमी के दिन काल भैरव के सात्विक भोग में हलवा, खीर, गुलगुले (मीठे पुए) जलेबी, फल आदि अवश्य शामिल करें।
* कालाष्टमी के दिन काल भैरव को मदिरा का भी भोग लगाया जाता है।
* कालाष्टमी के दिन काल भैरव को पान, सुपारी, लौंग, इलायची, मुखवास आदि चीजें भी चढ़ाईं जाती हैं।
* काल भैरव को लगाने वाले भोग को शुद्ध घी में बनाकर ही अर्पित करें।
* भगवान काल भैरव की पूजा के लिए धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं और काल भैरव की आरती गाएं।
* भगवान काल भैरव से अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें।
* भगवान काल भैरव को भोग लगाने के बाद गरीबों को भोजन जरूर खिलाएं।

कालाष्टमी का महत्व

काल अष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से भक्तों को धन-दौलत की प्राप्ति होती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। जीवन में रोगों से मुक्ति मिलती है और भय के साथ चिंता भी दूर होती है। इसके अलावा घर में भी सुख-शांति बनी रहती है। मान्यता है कि प्रभु की उपासना करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।