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बिहार में बिना दाखिल-खारिज के अब बेच सकेंगे बाप-दादा की जमीन, हाई कोर्ट के आदेश पर लगी थी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाई...

बिहार में बिना दाखिल-खारिज के अब बेच सकेंगे बाप-दादा की जमीन, हाई कोर्ट के आदेश पर लगी थी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाई...

Bihar Land Registry: बिहार में जमीन खरीद-बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है, जिससे अब बाप-दादा की जमीन बेचना आसान हो जाएगा। दरअसल, बिहार में जमीन खरीद-बिक्री में गड़बड़ी का मामला सामने आया था, जिसके बाद पटना हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि बिहार में जमीन बेचने वाले या जमीन दान करने वाले व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी होना जरूरी है। कोर्ट ने कहा था कि अगर जमाबंदी उसके नाम पर नहीं है तो वह व्यक्ति जमीन न तो बेच सकता है और न ही किसी को दान कर सकता है। 

क्या है पूरा मामला? 

बता दें कि हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद बिहार में जमीन खरीद-बिक्री में काफी गिरावट देखी गई थी और रेवेन्यू में भी कमी आई थी, जिसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया, जहां से लोगों को राहत मिली है। जमाबंदी की अनिवार्यता खत्म करने के लिए कातिब संघ ने सरकार से मुलाकात की थी। हालांकि, ये आदेश हाई कोर्ट ने दिया था, जिस वजह से कातिब संघ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की।

सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की और जस्टिस पीए नरसिम्हा और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। हालांकि, इस मामले में पूरी सुनवाई सितंबर 2024 में की जाएगी, जिसके बाद फाइनल आदेश आएगा, लेकिन फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से लोगों में खुशी है, क्योंकि अब बेटे अपने पिता या दादा की जमीन बेच सकेंगे। यानी कि फिलहाल के लिए जमाबंदी की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।

जमीन की खरीद बिक्री में आई थी गिरावट

बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री करीब 80 प्रतिशत तक कम हो गई थी, जिस वजह से इससे जुड़े लोगों को भी दिक्कतें होने लगी थी। हालांकि, ये निर्देश उनके लिए काफी राहत भरा है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि बिहार सरकार ने अक्टूबर 2019 में बिहार निबंधन नियमावली के नियम 19 में संशोधन किया था। संशोधन में नया नियम जोड़ा गया था कि सिर्फ वही व्यक्ति जमीन की बिक्री कर सकेगा, जिसके नाम पर जमाबंदी रहेगा।