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काशीवासियों के लिए जल्द तोहफा :: इसी महीने के अंत तक आसमानी सफर का ले सकेंगे आनंद, रोपवे का होगा शुभारंभ...

काशीवासियों के लिए जल्द तोहफा :: इसी महीने के अंत तक आसमानी सफर का ले सकेंगे आनंद, रोपवे का होगा शुभारंभ...

Varanasi Ropeway : वाराणसी में देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे की सुविधा अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। अभी तक तीन रोपवे स्टेशन का निर्माण कार्य 60 फीसदी तक पूरा हो चुका है। इस परियोजना के पहले चरण के लिए टावर को स्थापित करने का काम भी शुरू हो गया है। 29 में से 18 टावर पहले चरण में स्थापित होंगे, इन टावरों की लंबाई करीब 36 मीटर होगी। 

पहले चरण के तहत कैंट, विद्यापीठ और रथयात्रा रोपवे स्टेशन का निर्माण हो रहा है। जिसका ट्रायल रन सिंतबर तक किया जाएगा। 

वहीं दूसरे चरण में गिरिजाघर और गोदौलिया स्टेशन का काम भी शुरू हो रहा है और टावर को स्थापित करने के लिए जगह का चुनाव भी हो चुका है। अक्टूबर में इस रोपवे के शुरू होने के बाद लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। इसमें तीन हजार लोग प्रति घंटे कैंट से गोदौलिया तक सफर करेंगे और इस यात्रा के दौरान उन्हें जाम का झाम भी नहीं झेलना होगा।

6 मीटर प्रति सेंकड से चलेगी केबल कार

वाराणसी में कैंट से गोदौलिया तक रोपवे का निर्माण हो रहा है। इस 3.75 किमी रोपवे नेटवर्क में पांच स्टेशन बनाए जाएंगे। जिनमें कैंट, विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरिजाघर और गोदौलिया शामिल हैं। इस रोपवे का निर्माण दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। इस परियोजना का निर्माण पीएमओ की निगरानी में स्विट्जरलैंड की कंपनी बार्थोलेट के इंजीनियरों द्वारा हो रहा है। इसकी कुल लागत 809 करोड़ रुपये तय की गई है। इसमें 148 गोंडोला (केबल कार) का इस्तेमाल किया जाएगा। यह 6 मीटर प्रति सेंकड की औसत स्पीड से चलेगी। केबल कार में एक बार में 10 यात्री ही सवार हो सकेंगे। वहीं प्रति घंटे में तीन हजार लोगों को सफर कराया जाएगा। रोपवे शुरू होने के बाद इसकी सुविधा 16 घंटे तक मिलेगी।

जाम से मिलेगी राहत

वाराणसी में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। हालांकि रोपवे परियोजना से इस समस्या से काफी राहत मिलेगी। यह परियोजना ट्रैफिक का लोड कम करने में बहुत मदद करेगी। इसके साथ ही इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। नेशनल हाईवे लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (NHLML) ने कार्यदायी एजेंसी के तौर पर विश्व समुद्र कंपनी हैदराबाद को नियुक्त किया है। 

इस परियोजना के दूसरे चरण में गोदौलिया से गिरिजाघर तक दो नाला को सुरक्षित रखते हुए निर्माण कार्य करना होगा। इसके लिए ट्रैफिक डायरवर्जन प्लान तैयार किया गया है। इसके अलावा डिजाइन में हल्का फेरबदल किया गया है। सुरक्षित फाउंडेशन बनाने के लिए नई टेक्नलॉजी पर भी मंथन किया जा रहा है। इसके अलावा जलकल, जल निगम, टेलीकाम और पूर्वांचल विद्युत वितर निगम समेत कई विभागों को अपनी संपत्तियों को किसी और जगह शिफ्ट करने को भी कहा गया है।