Headlines
Loading...
Buddha Purnima 2024 Date: जानें कब है बुद्ध पूर्णिमा, यहां नोट करें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व...

Buddha Purnima 2024 Date: जानें कब है बुद्ध पूर्णिमा, यहां नोट करें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व...

Buddha Purnima 2024 Date: बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन गौतम बुद्ध का अवतार हुआ था। गौतम बुद्ध भी भगवान विष्णु के ही अवतार माने जाते हैं। बैशाख पूर्णिमा पर गंगा के तट से लेकर सारनाथ तक आयोजनों की तैयारियां शुरू हो गई हैं। सारनाथ में जहां बौद्ध धर्मावलंबी तथागत के अस्थिकलश के दर्शन करेंगे। वहीं, गंगा के तट पर श्रद्धालु पुण्य और आस्था की डुबकी लगाएंगे। 23 मई को वैशाख पूर्णिमा पर शहर के मंदिरों में भी विविध अनुष्ठान होंगे।

पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा 22 मई की शाम 7:47 बजे से शुरू होकर 23 मई की शाम 7:22 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त 23 मई को सुबह 4:04 बजे से लेकर सुबह 4:45 बजे तक रहेगा। इस दौरान चंद्रोदय का समय शाम 7:12 बजे रहेगा। वैशाख पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्रमा के साथ ही चांदी के सिक्कों की भी पूजा करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन चांदी के सिक्कों की पूजा से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

विहाराधिपति और महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव भिक्षु सुम्मितानंद थेरो के मार्गदर्शन में समस्त बौद्ध संगठन और बुद्ध विहारों की ओर से वैशाख पूर्णिमा का आयोजन किया जाएगा। वैशाख पूर्णिमा पर देश-विदेश से भिक्षु संघ और उपासकों का आगमन हो रहा है। अतिथियों के भोजन और रहने का प्रबंध स्थानीय बुद्ध विहारों में किया जा रहा है।

धम्म शिक्षण संस्थान के संस्थापक भिक्षु चंदीमा थेरो ने बताया कि वैशाख पूर्णिमा के महापर्व पर तथागत बुद्ध के पवित्र अस्थि-धातु के दर्शन, धम्म-सभा और धम्मयात्रा जैसे विशेष आयोजन होंगे। वैशाख पूर्णिमा को बौद्ध धर्म में बहुत ही पवित्र स्थान प्राप्त है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का राजकुमार सिद्धार्थ के रूप में जन्म हुआ। 

छह वर्षों के कठोर तपस्या के बाद वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बोधि वृक्ष के नीचे उन्होंने बुद्धत्व को प्राप्त किया। ज्ञान प्राप्ति के बाद 45 वर्षों तक लोक कल्याण का जीवन पूर्ण करके वैशाख पूर्णिमा के दिन तथागत बुद्ध ने कुशीनगर शालवान में महापरिनिर्वाण को प्राप्त किया था। तथागत बुद्ध के जीवन से जुड़ी इन तीन प्रमुख घटनाओं के कारण इसे तिविध पावनी वैशाख पूर्णिमा कहा जाता है।