Headlines
Loading...
अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में 34 साल पहले बने श्रीराम कबीर मंदिर में गूंजती है गुरुवाणी,कल सुबह 8 बजे कबीरमठ से निकलेगी शोभायात्रा...

अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में 34 साल पहले बने श्रीराम कबीर मंदिर में गूंजती है गुरुवाणी,कल सुबह 8 बजे कबीरमठ से निकलेगी शोभायात्रा...

वाराणसी, ब्यूरो। संत कबीर का प्राकट्य काशी में हुआ। मगर, उनकी वाणी देश-विदेश में गूंजती है। विभिन्न देशों में भी आश्रम है, लेकिन अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में 34 साल पहले श्रीराम कबीर मंदिर बना है, जहां हमेशा गुरुवाणी गूंजती है। वहां सबसे ज्यादा अनुयायी हैं। काशी से संचालित इस मंदिर में सत्संग, भजन कीर्तन करते हैं।

सद्गुरु कबीर प्राकट्यधाम लहरतारा के आचार्य पंथश्री हजूर अर्धनाम साहेब ने बताया कि कबीर साहब के अनुयायी काफी देशों में हैं। वहां मठ व आश्रम भी है, जहां सत्संग, भजन कीर्तन और कबीर साहब का प्राकट्य व निर्वाण दिवस मनाते हैं। मगर, विदेशों में केवल कबीर साहब के नाम पर मंदिर कैलिफोर्निया के लॉस एंजेलिस शहर में है।

वहां पर गुजरात के 10 हजार से अधिक कबीर साहब के अनुयायी हैं। उन्होंने सन 1990 में श्रीरामकबीर मंदिर बनवाए हैं। वहां पर भी प्राकट्य सहित तमाम उत्सव मनाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि विदेशों में दो लाख से अधिक कबीरपंथी हैं। त्रिनाड, मॉरीशस, फिजी, हालैंड, सूरीनाम, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, बंगलादेश, पाकिस्तान आदि देशों में भी कबीरपंथी रहते हैं। अर्धनाम साहेब ने बताया कि भारत में सभी हिंदी भाषी प्रांतों में 10 हजार से अधिक आश्रम व मठ हैं।

वीजा नहीं मिलने नहीं आएं पाकिस्तानी

पाकिस्तान से आने वाले 20 कबीरपंथियों को बीजा नहीं मिला। इसलिए कबीर साहब के प्राकट्योत्सव में शामिल नहीं हो पाएंगे। धाम के व्यवस्थापक संतोष दास ने बताया कि यहां से पाकिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावास को तीन माह पहले ही भारत आने की संस्तुति के लिए पत्र भेजा गया था। वहां से उनके आने की अनुमति नहीं मिली। उनको बीजा नहीं मिला। उन्होंने बताया कि वहां के दो मठों के कबीरपंर्थियों ने फोनकर कबीर साहब के प्राकट्योत्सव में शामिल होने लिए अनुमति मांगी थी।

कल से गूंज रही है कबीरवाणी

सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम में तीन दिवसीय कबीर प्राकट्य महोत्सव बुधवार से शुरू हो चुका है। पंथश्री हजूर अर्धनाम साहेब ने बताया कि पहले दिन सुबह नौ बजे सत्यनाम ध्वजारोहण से महोत्सव की शुरुआत हुई। इसके बाद दिनभर भजन कीर्तन, प्रवचन व सत्संग चला। यहीं क्रमाज भी हो रहा है। अंतिम दिन 21 जून को सुबह आठ बजे से कबीर मठ से गाजेबाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी।