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मकान-दुकान तोड़ना अयोध्‍या में BJP की हार की वजह नहीं... प्रशासन ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में दी सफाई...

मकान-दुकान तोड़ना अयोध्‍या में BJP की हार की वजह नहीं... प्रशासन ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में दी सफाई...

ब्यूरो, अयोध्या : राम नगरी अयोध्‍या में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद के हाथों बीजेपी प्रत्‍याशी लल्‍लू सिंह की हुई बुरी हार पार्टी के लिए किरकिरी का विषय बनी हुई है। जहां राम मंदिर बनाया गया, उसी लोकसभा क्षेत्र फैजाबाद में भगवा दल की हार न तो पार्टी पचा पा रही है, न ही उसके समर्थक। 

बीजेपी की यहां हार का सबसे बड़ा कारण जो बताया जा रहा है, वह है राम मंदिर के लिए लोगों की दुकान व मकानों का गिराया जाना। कहा जा रहा है कि इससे लोग काफी दुखी और नाराज थे, जिसका परिणाम लोकसभा चुनाव के नतीजों में दिखा है। इसकी न केवल अयोध्‍या की गली-गली, बल्कि सोशल मीडिया समेत पूरे देशभर में चर्चा ए आम है। बीजेपी यहां क्‍यों हारी, अब स्‍थानीय प्रशासन को इन आरोपों पर अपनी सफाई देनी पड़ी है।

लोकसभा चुनाव में अयोध्या में भाजपा की हार पर सोशल मीडिया पर चल रहे आरोप पर जिला प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की। अयोध्या में लोगों की दुकान व मकान गिराने के कारण बीजेपी के हारने को लेकर जिला प्रशासन ने जवाब दिया है।

जवाब में कहा गया है कि राम पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, पंचकोशी व 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण में प्रभावित मकान मालिक व दुकानदारों को उचित मुआवजा दिया गया। जिला प्रशासन ने इसको लेकर ब्‍योरा भी पेश किया।

इसमें कहा गया है कि राम पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ और पंचकोशी व 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण में कुल 4616 दुकानदार प्रभावित हुए. 4215 दुकानदार, जिनकी दुकान आंशिक रूप से तोड़ी गई उनको मुआवजा दिया गया। कुछ आंशिक रूप से व्यापार प्रभावित होने के एवज में अनुग्रह धनराशि भी दी गई।

प्रशासन ने उनकी दुकानों का व्यापक सुंदरीकरण कराया व सभी दुकानदार इस जगह पर अपने व्यापार का संचालन भी कर रहे हैं.प्रशासन की ओर से आगे कहा गया है कि मौजूदा समय में उनका व्यापार कई गुना बढ़कर चल रहा है और कुल 401 दुकानदार पूर्ण रूप से स्थानांतरित हुए, जिसमें 339 दुकानदारों को प्राधिकरण द्वारा दुकान का आवंटन किया गया है। 

उसका कहना है कि इनका व्यापार अन्य स्थल पर स्थानांतरित होने पर कुछ अंतराल के लिए प्रभावित होने की एवज में 10 लाख रुपए तक अनुग्रह राशि दी गई. इन रास्‍तों पर विस्थापित हुए कुल 79 परिवारों को बसाया गया। कुल 1845 भूस्वामी जो प्रभावित हुए, नियमानुसार 300.67 करोड़ रुपए की धनराशि मुआवजा अनुग्रह धनराशि के रूप में उनके खाते में भेजा गया।