राहुल गांधी फिर दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ रायबरेली से लड़ेंगे चुनाव !! BJP नेता ने दी उन्हे खुल्ली चुनौती...
UP Politics: उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस के नेता और नवनिर्वाचित सांसद राहुल गांधी को फिर से चुनाव लड़ने का चैलेंज किया है। एक प्रेस वार्ता में दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी रायबरेली से अपनी पार्टी की बदौलत सांसद नहीं बने हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में रायबरेली लोकसभा की पांचों विधानसभाओं में समाजवादी पार्टी को लगभग 3,99,000 वोट मिला था। अगर 2024 के इस चुनाव में राहुल गांधी को रायबरेली लोकसभा से मिले कुल मतों से सपा के 3,99,000 वोट हटा दिया जाए तो राहुल गांधी को हमको मिले मतों से कम मत होते हैं।
योगी सरकार के मंत्री ने कहा कि इस प्रकार हम कह सकते हैं कि राहुल गांधी की जीत अपनी, अपनी पार्टी, अपनी सेवा व अपनी योग्यता की बदौलत नहीं मिली है, बल्कि अस्थायी सपा के मतदाताओं व कार्यकर्ताओं के बदौलत सफलता मिली है। मुझे मेरी पार्टी व मेरी सेवा की बदौलत लगभग 3.00 लाख वोट का आशीर्वाद रायबरेली के मतदाताओं द्वारा प्राप्त हुआ है।
दिनेश ने किया सोनिया गांधी का जिक्र
साल 2019 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि रायबरेली लोकसभा के 2019 के चुनाव में मुझे लगभग 3,67,000 मत सोनिया गांधी के खिलाफ मिले थे और इस चुनाव में उस स्कोर में मात्र 67,000 की कमी हुयी है जबकि आस-पास की लोकसभाओं में 2019 की तुलना में 2024 में 67,000 से अधिक मतों की कमी हुयी है। इस प्रकार मेरी लोकप्रियता और पार्टी के जनाधार में रायबरेली में कोई अप्रत्याशित गिरावट नहीं हुयी है। आस-पास के वातावरण के अनुसार रायबरेली ने अच्छा जनमत हासिल किया।
मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा...
कांग्रेस नेता को चुनौती देते हुए दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि मैं राहुल गांधी को आमंत्रित करता हूं, जब मन करे पंजा निशान लेकर सिर्फ कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में दिनेश प्रताप सिंह से चुनाव लड़ लें 3.00 लाख वोट अगर राहुल गांधी पा जायेगें तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मैं राष्ट्रीय नेता नहीं हूं, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के एक सिपाही के रूप में आपसे चुनाव लड़ा हूं, जिसने आपको नानी की याद दिला दी और रायबरेली में चुनाव के दिन बूथ-बूथ आपको घूमते देखा गया. आप अंत तक भयभीत थे कि चुनाव मैं जीत भी रहा हूं या नहीं।