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शारीरिक संबंध बनाने में कितने तरह के हैं फ़ायदे, एक्सपर्ट की राय जानकर मन हो जाएगा आपका प्रफुल्लित, ये है कारण...

शारीरिक संबंध बनाने में कितने तरह के हैं फ़ायदे, एक्सपर्ट की राय जानकर मन हो जाएगा आपका प्रफुल्लित, ये है कारण...

ज्ञान और विज्ञान की बातें :: दिल और दिमाग को सुकून देने के लिए हम कभी घूमने जाते हैं, मन पसंद खाना खाते हैं, लॉग ड्राइव पर जाते हैं,मन पसंद के खेल और अपनी रूचि के सैकड़ों ऐसे काम करते हैं ताकि हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहे। आप जानते हैं कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए फिजिकल रिलेशन बनाना टॉनिक की तरह काम करता है। मेडिकल साइंस की बात करें तो इंटीमेसी आपके तन और मन को खुश रखने की ताकत रखती है। 

फिजिकल रिलेशन न सिर्फ शारीरिक अनुभूति है बल्कि आपके मस्तिष्क, बॉडी और इमोशन का एक साथ कनेक्शन है। मुंबई में मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक, कपल्स काउंसलिंग स्पेशलिस्ट प्रियंका कपूर ने बताया कि फिजिकल रिलेशन हमारी बॉडी में ईंधन की तरह काम करता है। इस रिश्ते से हमारी डिजायर पूरी होती है और संतुष्टि हासिल होती है। आइए जानते हैं कि फिजिकल रिलेशन कैसे हमारी बॉडी को खुशी का अहसास दिलाता है।

फिजिकल रिलेशन कैसे बॉडी में खुशी का अहसास दिलाता है?

फिजिकल रिलेशन के दौरान हमारे शरीर में एक जटिल रासायनिक क्रिया होती है। इस दौरान हमारी बॉडी में डोपामाइन, सेरोटोनिन और ऑक्सीटोसिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर हमारी बॉडी के सिस्टम में बाढ़ लाते हैं, जिससे हमारी बॉडी को बेहद खुशी का अहसास होता है। 

डोपामाइन हॉर्मोन एंटीसिपेशन और एक्साइटमेंट को बढ़ाता है। सेरोटोनिन हॉर्मोन खुशी की भावनाओं में योगदान देता है। ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन जिसे अक्सर “लव हार्मोन” कहा जाता है। ये हॉर्मोन इंटीमेसी, बाउंडिंग और विश्वास की भावनाओं को बढ़ावा देता है। फिजिकल रिलेशन बनाने में ये तीनों हॉर्मोन अपना काम बखूबी करते हैं और इंसानी शरीर को सुखद अहसास और प्यार की भावना को बढ़ाते हैं।

इतना ही नहीं इस रिश्ते में नॉरपेनेफ्रिन भी अहम भूमिका निभाता है 

Norepinephrine जेनाइटल में ब्लड फलो को बढ़ाता है, जिससे संवेदनशीलता बढ़ती है। ऑक्सीटोसिन के साथ जारी प्रोलैक्टिन यौन प्रतिक्रिया को विनियमित करने में मदद करता है और शांति और संतुष्टि की भावनाओं में योगदान कर सकता है। हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर के बीच यह जटिल परस्पर क्रिया यौन सुख का मुख्य आधार है। 

फिजिकल रिलेशन का असर मस्तिष्क को भी पूरी तरह प्रभावित करता है। इस रिश्ते से चिंता, दुख और परेशानी का अनुभव कम होता है। एक्सपर्ट ने बताया कि बॉडी में होने वाली ये केमिस्ट्री अहम रोल निभाती है लेकिन इसके अलावा भी इंटरनल और एक्सटर्नल फैक्टर भी अहम किरदार निभाते हैं।