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मंत्री नहीं बनना चाहते केरल के इकलौते बीजेपी सांसद सुरेश गोपी, शपथ लेने के बाद आखिर क्यों मुकरे? क्या कहा उन्होंने जाने...

मंत्री नहीं बनना चाहते केरल के इकलौते बीजेपी सांसद सुरेश गोपी, शपथ लेने के बाद आखिर क्यों मुकरे? क्या कहा उन्होंने जाने...

Suresh Gopi: बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण की। पीएम मोदी के मंत्रियों में केरल के एकमात्र सांसद सुरेश गोपी भी शामिल हैं। सुरेश गोपी ने केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है। हालांकि शपथ ग्रहण को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते कि सुरेश गोपी मंत्री पद छोड़ने की इच्छा जता रहे हैं।

सुरेश गोपी को नहीं चाहिए मंत्रालय

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में दक्षिण भारत के नतीजों ने सबसे ज्यादा हैरान किया था। केरल में बीजेपी ने पहली बार खाता खोला और त्रिशूर सीट अपने नाम कर ली। इस सीट पर जीत हासिल करने वाले सांसद कोई और नहीं बल्कि सुरेश गोपी ही हैं। केरल में एंट्री करने की खुशी से गदगद बीजेपी ने सुरेश गोपी को मंत्री बना दिया। मगर आश्चर्य की बात तो ये है कि सुरेश गोपी को मंत्रालय नहीं चाहिए। उन्होंने इसकी वजह भी साफ की है।

क्या है वजह? 

मीडिया के साथ बातचीत करते हुए सुरेश गोपी ने मंत्रालय छोड़ने की वजह फिल्मों को बताया है। जी हां, साउथ और खासकर केरल की फिल्म इंडस्ट्री में सुरेश गोपी एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनकी कई फिल्में अभी लाइन में हैं। इसलिए वो सांसद के अलावा कोई और राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं। सुरेश गोपी का कहना है कि मैंने कई फिल्में साइन की हैं। जिन्हें पूरा करना है। मैं सिर्फ त्रिशूर के सांसद के रूप में काम करूंगा। मैंने केंद्र सरकार से कोई मंत्री पद नहीं मांगा है। मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार मुझे जल्द ही मंत्री पद से मुक्त कर देगी।

बेस्ट एक्टर का मिला अवॉर्ड

बता दें कि सुरेश गोपी का जन्म 1958 में केरल के अलप्पुझा जिले में हुआ था। साइंस में ग्रेजुएशन और अंग्रेजी में मास्टर करने के साथ सुरेश गोपी ने काफी कम उम्र से ही फिल्मों का रुख कर लिया था। 1998 में उन्हें फिल्म 'कलियाट्टम' के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था।

सुरेश गोपी का राजनीतिक करियर

सुरेश गोपी ने 2016 में राजनीति में कदम रखा। उन्हें केरल से राज्यसभा सांसद बनाया गया। सुरेश गोपी का राज्यसभा में कार्यकाल 2022 तक चला। अब 2024 में वो त्रिशूर से जीतकर पहली बार लोकसभा सांसद बने हैं। उन्होंने सीपीआई उम्मीदवार वी एस सुनीलकुमार को 74 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दे दी है।