लखनऊ की तरह वाराणसी में भी बुलडोजर कई इलाकों में गरजेगा, हटाया जाएगा अस्सी समेत सभी अतिक्रमण सीएम योगी का सख्त फरमान...
राज्य ब्यूरो, प्रमुख। लखनऊ में कुकरैल नदी किनारे बसे अकबर नगर इन दिनों चर्चा में है। यहां बड़े पैमाने पर बुलडोजर चल रहे हैं और अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं। इसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को इसी की तर्ज पर वाराणसी और मुरादाबाद में भी नदी किनारे अवैध कब्जों को हटाने का निर्देश दिया है। इसके लिए सर्वे कराते हुए कार्ययोजना तैयार कराई जाएगी।
लखनऊ की तर्ज पर वाराणसी में नदी किनारे अवैध कब्जे हटाने के सीएम योगी के निर्देश को लेकर खलबली मच गई है। इसे असि नदी से जोड़ा जा रहा है। असि नदी पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा किया गया है। इससे वाराणसी के पॉश इलाके के बीच से बहने वाली असि नदी किसी नाले की तरह हो गई है। यहां से कब्जे हटाने के कई बार प्रयास हुआ लेकिन प्रयास परवान नहीं चढ़ सका है। इसी साल जनवरी में असि नदी पर अतिक्रमण को चिह्नित करने का काम शुरू हुआ था। नगर निगम और सदर तहसील की टीमों ने सर्वे शुरू किया था। इसके लिए 20 सदस्यीय टीम बनी थी। कंचनपुर में नदी के उद्गम स्थल से सर्वे शुरू किया गया।
कंचनपुर पोखरा से चितईपुर पुलिया तक, चितईपुर पुलिया से नटान बस्ती, कर्माजीतपुर पुलिया, सुंदरपुर पुलिया, सुंदरपुर सब्जी मंडी से नरिया पुलिया तक, नरिया पुलिया से रवींद्रपुरी पुलिया तक, रविदास पार्क और रविदास पार्क से अस्सी घाट तक सर्वे का फैसला हुआ था। सर्वे में आठ राजस्व गांव (अब शहरी इलाका) आ रहे हैं। इनमें कंचनपुर, चितईपुर, कर्माजीतपुर, करौंदी, सरायनंदन, भदैनी, नगवां, भदैनी द्वितीय शामिल हैं। अनुमान के अनुसार अस्सी नदी पर दस हजार से अधिक अवैध निर्माण हैं।
फरवरी में एनजीटी के आदेश पर कुछ अतिक्रमण तो नगर निगम की टीमों ने तोड़ा भी था। तब अपर नगर आयुक्त राजीव कुमार राय के नेतृत्व में पहुंची नगर निगम की टीम ने आठ अतिक्रमणों को बुलडोजर से ढहाया था। क्षेत्र के पार्षद और आसपास के लोगों के विरोध के बाद कुछ लोगों को मोहलत भी दी थी। उसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण अभियान आगे नहीं बढ़ सका था।
काशी व मुरादाबाद में अवैध कब्जे हटेंगे
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे अतिक्रमण की स्थिति है। ऐसी ही स्थिति काशी व सहारनपुर आदि जिलों में भी देखी जा सकती है। लखनऊ में अभी कुकरैल नदी के पुनर्जीवन की कार्रवाई हो रही है। अवैध बसावट को हटा कर उन्हें अन्य स्थान पर पुनर्वासित कराया गया है। इसी प्रकार अन्य जिलों में भी स्थानीय जरूरतों के अनुरूप कार्रवाई की जानी चाहिए। यह सुनिश्चित कराएं कि नदी बेसिन में कोई बसावट न हो। पुराने तालाबों, पोखरों व अन्य जलाशयों को संरक्षित करने के लिए अतिक्रमण हो तो तत्काल उसे हटाएं।