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डेंगू की रोकथाम के लिए एसएसपीजी समेत चारों चिकित्सालयों में 20-20 मच्छरदानी युक्त बेड हुई रिजर्व, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी...

डेंगू की रोकथाम के लिए एसएसपीजी समेत चारों चिकित्सालयों में 20-20 मच्छरदानी युक्त बेड हुई रिजर्व, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी...

वाराणसी ब्यूरो, 9 जुलाई। बरसात शुरू होते ही जिले में मच्छर जनित बीमारियों खासकर डेंगू, मलेरिया के प्रसार की संभावना को देख स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। विभाग ने एड्वाइजरी भी जारी कर दिया। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने मीडिया को बताया कि इन बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण व कार्रवाई के लिए मच्छरों के प्रजनन के संभावित स्रोतों को ख़त्म करना बहुत जरूरी है। इसके लिए एंटी लार्वा छिड़काव, फोगिंग और ऑयल बॉल का उपयोग किया जा रहा है। 

पहली जुलाई से ही जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियां की जा रही है।

उन्होंने बताया कि डेंगू मरीजों के लिए एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीर चौरा, डीडीयू चिकित्सालय पाण्डेयपुर, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर और एसवीएम चिकित्सालय भेलूपुर में 20-20 मच्छरदानी युक्त बेड रिजर्व किए गए हैं। 

इसके अलावा शहरी व ग्रामीणस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 10-10 बेड और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पांच-पांच बेड आरक्षित किए गए हैं। इन चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों के वार्ड में डेंगू मरीज का भर्ती, डिस्चार्ज और प्लेटलेट प्रोटोकॉल आवश्यक रूप से प्रदर्शित किए जाने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में डेंगू के संभावित प्रसार के दृष्टिगत तथा कुछ निजी चिकित्सक प्लेटलेट की अनावश्यक मांग कर रहे है। इससे मरीज के परिजनों में अनावश्यक भय का वातावरण है। इस सम्बन्ध में सभी सभी निजी चिकित्सालयों के प्रबन्धक को निर्देशित किया गया कि आपके द्वारा जब भी ब्लड बैंक में प्लेटलेट के लिए मांग भेजी जायेगी, तो उसके साथ मरीज की वर्तमान क्लीनिकल दशा तथा वर्तमान प्लेटलेट संख्या से सम्बन्धित प्रपत्र संलग्न करते हुए भेजना होगा। 

प्लेटलेट की मांगपत्र पर पंजीकृत चिकित्सक का नाम एवं हस्ताक्षर अवश्य अंकित किया जाए। प्लेटलेट की मांग प्लेटलेट प्रोटोकॉल के अनुसार ही की जाए, अनावश्यक रूप से प्लेटलेट की मांग न की जाए।

बरतें यह सावधानी

डेंगू का मच्छर साफ व रुके हुए पानी में पनपता है, इसलिए साप्ताहिक आधार पर घरेलू जल भंडारण कंटेनरों को ढंकना, खाली करना और साफ करना, घर की छत पर रखे गमलों या किसी अन्य बर्तनों, नारियल के खोल, टायरों में पानी जमा न होने देना, पानी के भंडारण कंटेनरों को ढक्कन के साथ कवर किया जाना, बरसात के मौसम के दौरान, सभी व्यक्ति ऐसे कपड़े पहन सकते हैं जो हाथ और पैर को कवर करते हों, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना आवश्यक है। 
मच्छरों के काटने से बचाव के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय जैसे कीटनाशक से उपचारित बेडनेट, कॉइल और वेपोराइज़र का उपयोग किया जा सकता है। मच्छरों के काटने से रोकने के लिए दिन के समय में मच्छर दूर भगाने के लिए क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।