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तेरे बिना भी क्या जीना. पति की लाश पर सिर रखकर रो रही थी, 3 मिनट में पत्नी ने तोड़ा दम...

तेरे बिना भी क्या जीना. पति की लाश पर सिर रखकर रो रही थी, 3 मिनट में पत्नी ने तोड़ा दम...

अजब, गजब :: सात फेरे लेकर सात जन्मों तक साथ जीने-मरने की कसमें तो सब खाते हैं लेकिन इसे कुछ लोग ही निभा पाते हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक दंपति ने इस बात को सच कर दिखाया। पति की मौत के महज तीन मिनट बाद ही पत्नी ने भी अपना प्राण त्याग दिया। दोनों की अर्थी फिर घर से एकसाथ उठी। अब पूरे इलाके में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

सोमवार को बीमारी से जूझ रहे 85 वर्षीय शंकर मंडल की मौत हो गई. पति की मौत का सदमा 68 साल की बीवी नियति मंडल को ऐसा लगा कि वो फूट-फूट कर उनके सीने पर सिर रखकर रोने लगी. 3 मिनट बाद नियति की भी मौत हो गई. दोनों ने एक साल 50 साल साथ में बिताए.

जानकारी के मुताबिक, भरतपुर थानाक्षेत्र के भोल्टा गांव में रहने वाले शंकर मंडल की शादी 50 साल पहले नियति मंडल से हुई थी. परिवार आगे बढ़ा. बच्चों के बाद उनके पोता-पोती भी हुए. भरा पूरा परिवार था. दंपति परिवार के साथ बेहद खुश था. लेकिन जब शंकर 85 साल के हुए तो बढ़ती उम्र के कारण बीमार रहने लगे. कुछ दिन पहले उनकी तबीयत अचानक से ज्यादा बिगड़ गई।

सीने पर सिर रख रोने लगीं नियति

इलाज के लिए भरतपुर के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती करवाया गया. कुछ दिन बाद उन्हें वहां से डिस्चार्ज करके घर भेज दिया गया. यहां आते ही एक दो दिन बाद सोमवार तो अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ गई. इससे पहले कि परिवार उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचता, शंकर ने दम तोड़ दिया. पति की मौत का सदमा नियति मंडल बर्दाश्त नहीं कर पाईं. वह पति की लाश के पास बैठीं. उनके सीने पर सिर रखकर रोने लगीं. रोते-रोते नियति खामोश हो गईं. परिवार ने जैसे ही उन्हें पति की लाश से अलग करना चाहा तो पाया कि नियति का शरीर ठंडा पड़ चुका है।

पति की मौत के 3 मिनट बाद तोड़ा दम

उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टर ने चेक किया तो बताया कि नियति की भी मौत हो चुकी है. नियति ने पति की मौत के 3 मिनट बाद ही दम तोड़ दिया था. यह देख परिवार के ऊपर और ज्यादा दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. फिर नियति की लाश को घर लाया गया. पति-पत्नी दोनों की अर्थी एक साथ घर के आंगन से निकली. साथ में ही दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।