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80 किसानों ने सात तरह के किस्म के 75 आमों का किया प्रदर्शन, बनारस के किसान को मिला सम्मान, सीएम योगी ने सराहा...

80 किसानों ने सात तरह के किस्म के 75 आमों का किया प्रदर्शन, बनारस के किसान को मिला सम्मान, सीएम योगी ने सराहा...

वाराणसी, ब्यूरो। बनारस के आम लखनऊ में शुक्रवार से आयोजित आम महोत्सव में जलवा बिखेरा। बनारसी लंगड़ा और चौसा सहित आधा दर्जन से अधिक आम की किस्मों को आम महोत्सव में प्रदर्शित किया गया। 80 से अधिक किसान सात तरह के पांच से 10 आम लेकर गुरुवार को लखनऊ के लिए रवाना हुए थे।

लखनऊ में हुए आम महोत्सव का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस महोत्सव में कई जिलों के किसान आम की किस्में लेकर पहुंचे थे। इसमें बनारस के लिए भी किसान शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने बनारस में आम की खेती करने वाले संजय सिंह को उत्पादन में उत्कृष्ट किसान का सम्मान दिया। 

जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि बनारसी लंगड़ा के अलावा चौसा, रामकेड़ा, शुकुल, आम्रपाली, फजली, दशहरी और मल्लिका किस्म के आम को महोत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा। बनारस के किसान यहां होने वाले हर किस्म के छोटे-बड़े करीब 75 तरह के आम प्रदर्शित करेंगे। 

14 जुलाई को विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आराजीलाइन, बड़ागांव, काशी विद्यापीठ, चोलापुर, चिरईगांव, पिंडरा के 10-10 किसान हैं, जबकि हरहुआ के 12 और सेवापुरी के 11 किसान गए हैं।

बनारसी लंगड़ा की अलग है पहचान

बनारसी लंगड़ा आम की मांग विदेशों तक है। अभी इस आम की बड़ी खेप खाड़ी देशों में भेजी भी गई है। इसका स्वाद दूसरे आम की किस्मों से अलग है। इसलिए हर कोई इसे पसंद करता है। सुभाष कुमार ने बताया कि जीआई टैग मिलने के बाद इसकी मांग और बढ़ी है। इसलिए महोत्सव में इसे खास तौर से प्रदर्शित किया जाएगा। सफेद और काला लंगड़ा दोनों किस्म प्रदर्शित की जाएगी।

बिहार के 50 किसानों ने जानीं ग्राफ्टिंग तकनीक

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शाहंशाहपुर में बिहार के 50 किसानों को उन्नत खेती की नई तकनीक से दक्ष किया गया। बृहस्पतिवार को चार दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। 

उनको उन्नतशील प्रजातियां, सब्जी उत्पादन की आधुनिक तकनीक, सब्जियों में ग्राफ्टिंग तकनीक, प्राकृतिक और जैविक खेती, सूक्ष्म जीवों की भूमिका, सब्जी बीज उत्पादन, सब्जियों की पौधशाला प्रबंधन के बारे में बताया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. नागेंद्र राय के निर्देशन किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। समन्वयक डॉ. नीरज सिंह, डॉ. आत्मानंद त्रिपाठी एवं डॉ. स्वाति शर्मा थे।