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खुलासा :: वाराणसी में बिना ट्रेनिंग के ही चला रहे वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट चल रहा चपरासी के भरोसे...

खुलासा :: वाराणसी में बिना ट्रेनिंग के ही चला रहे वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट चल रहा चपरासी के भरोसे...

खुलासा :: वाराणसी जिले के सरकारी अस्पतालों में कोरोना काल में मिले वेंटिलेटर को बिना प्रशिक्षण चलाया जा रहा है। अस्पताल में नियमानुसार प्रशिक्षण प्राप्त स्टाफ नहीं हैं। ऑक्सीजन प्लांट चलाने के लिए स्थायी टेक्नीशियन नहीं मिल रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में कुछ जगहों पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से प्लांट चलवाया जा रहा है। अब अस्पतालों की ओर से चयनित स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर चलाने का प्रशिक्षण देने की तैयारी है।

कोरोना काल में अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर के संकट को लेकर लोग परेशान थे। उस समय शासन, प्रशासन के प्रयास पर सरकारी अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से वेंटिलेटर तो मिले, लेकिन उसे चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं मिले। यही हाल सीएसआर के तहत मिले ऑक्सीजन प्लांट का रहा।

प्लांट लगने के बाद टेक्नीशियन न मिलने से जैसे तैसे इसका संचालन हो रहा है। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को मिले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का भी रखरखाव न हो पा रहा है। कुछ जगहों पर प्रशिक्षित कर्मचारी की भी कमी है।

मंडलीय अस्पताल में 24 और जिला अस्पताल में 38 वेंटिलेटर का उपयोग हो रहा है, लेकिन नियमानुसार प्रशिक्षित स्टाफ नहीं हैं। एनेस्थेसिस्ट के निर्देशन में ही मरीज के इलाज में वेंटिलेटर का उपयोग हो सकता है। तीन शिफ्ट में प्रशिक्षित स्टाफ भी होना चाहिए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिसिरपुर का वेंटिलेटर ठीक है। 

अधीक्षक डॉ. आरबी सिंह के अनुसार, ऑक्सीजन प्लांट को जरूरत पड़ने पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से चलवाया जाता है। सीएचसी आराजीलाइन, हाथीबाजार में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का जैसे-तैसे उपयोग किया जा रहा है।

क्या बोले अधिकारी 

अस्पतालों में जिन जगहों पर वेंटिलेटर हैं, उसका उपयोग मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। समय-समय पर प्रशिक्षण दिलवाया जाता है। ऑक्सीजन प्लांट और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को भी सही तरीके से चलाने और निगरानी करने को कहा गया है। ताकि मरीजों को लाभ मिलता रहे। 

-डॉ. संदीप चौधरी, सीएमओ