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"बाहर लिखा था दवाखाना है", अंदर चल रहा था ऐसा धंधा, जिसे जानकर स्वास्थ्य विभाग हुआ आश्चर्य चकित...

"बाहर लिखा था दवाखाना है", अंदर चल रहा था ऐसा धंधा, जिसे जानकर स्वास्थ्य विभाग हुआ आश्चर्य चकित...

भारत में मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कई शर्तों को पूरा करना पड़ता है। मेडिकल लॉज़ के तहत कई नियमों को पूरा करना पड़ता है। तब जाकर मेडिकल स्टोर खोलने की परमिशन मिलती है। लेकिन राजस्थान के बीकानेर में एक दवा दुकान की आड़ में पूरा का पूरा निजी क्लिनिक ही खोल दिया गया। इस अस्पताल में बेड से लेकर तमाम चीजें मौजूद थी।

नोखा के मस्जिद चौक पर भी धड़ल्ले से ये प्राइवेट अस्पताल चल रहा था। चौक के किनारे बाहर एक दुकान का बोर्ड लगाया गया था। इसपर बालाजी मेडिकल और जनरल स्टोर लिखा था, लेकिन जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अंदर गए तो उनके होश ही उड़ गए। बाहर से मेडिकल हॉल लेकिन अंदर से ये पूरा अस्पताल ही खोलकर बैठे थे। इसके बाद अवैध रुप से चलाए जा रहे इस अस्पताल का शटर गिरा दिया गया।

अंदर दिखा ऐसा नजारा

बाहर सिर्फ नाम के लिए दवाइयां बेची जा रही थी. अंदर पूरा अस्पताल खुला था। यहां पांच बेड का एक वार्ड बनाया गया था। इसपर एक महिला का इलाज किया जा रहा था। साथ ही एक कमरा लॉक था, जब उसे खुलवाया गया तो सब चकित रह गए। ये एक लेबर रुम था जहां डिलीवरी भी करवाई जाती थी। पास में रखी बाल्टी में ग्लूकोज की खाली बोतलें भी बरामद की गई।

बिना परमिशन के चल रहा था अस्पताल

जांच टीम ने जब कागजात की मांग की तो उन्हें कुछ भी नहीं मिला। एडमिट की है महिला को भी बिना किसी पर्ची के भर्ती किया गया था। ना तो अस्पताल में मरीज के रजिस्ट्रेशन का कोई रिकॉर्ड था ना ही कोई रजिस्टर, इसके अलावा वहां कोई डॉक्टर भी नहीं मिला। कार्यवाई टीम ने तत्काल ही अस्पताल को बंद करवाया। इसके अलावा मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। अब पुलिस गंभीरता से इसकी जाँच करने में जुट गई है कि आखिर कैसे बिना किसी के इजाजत के यहां अस्पताल खोल दिया गया।