हाथरस भगदड़ के बाद 'भोले बाबा' हुए फरार, मैनपुरी आश्रम से खाली हाथ लौटी पुलिस...
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि 'भोले बाबा' के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 116 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हैं। हादसा तब हुआ जब श्रद्धालु भोले बाबा की चरण रज लेने के लिए उनके काफिले के पीछे दौड़ पड़े। सेवादारों ने उन्हें रोकने की कोशिश, इसी दौरान भगदड़ मच गई और लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते-पड़ते भीड़ से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। मृतकों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम में पहुंचे. शाम होते-होते यूपी पुलिस 'भोले बाबा' की तलाश में उनके मैनपुरी आश्रम पहुंची और राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया. लेकिन भोले बाबा आश्रम में नहीं मिले. मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने कहा, 'हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले. वह यहां नहीं हैं'. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज हाथरस आएंगे और हादसे वाली जगह का दौरा करेंगे।
# | Uttar Pradesh: Police conducts search operation at Ram Kutir Charitable Trust in Mainpuri district in search of 'Bhole Baba', who conducted a Satsang in Hathras where a stampede took place today claiming the lives of 116 people. pic.twitter.com/2Z9WixiaIqpic.twitter.com/2Z9WixiaIq
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा कि जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं. संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। ADG आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।
सीएम योगी ने कहा कि यह हादसा है या साजिश, सरकार इस पूरे घटनाक्रम की तह में जाकर पता लगाएगी। इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, चाहे वह कोई भी हो। यूपी सरकार ने हाथरस हादसे में मृतकों के परिजनों को ₹2-2 लाख तथा घायलों को ₹50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस की दुर्घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि का ऐलान किया है।
भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है और वह कासगंज जिले के बहादुर नगर के मूल निवासी हैं। सुरजपाल ने 1990 के दशक के अंत में एक पुलिसकर्मी के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी और आध्यात्मिकता की ओर रुख किया। उन्होंने 'सत्संग' (धार्मिक उपदेश) आयोजित करना शुरू कर दिया. सुरजपाल उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है और वह अपनी पत्नी को भी अपने साथ 'सत्संग' में ले जाते हैं।
वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आते हैं. बहादुर नगर में आश्रम स्थापित करने के बाद, भोले बाबा की प्रसिद्धि गरीबों और वंचित वर्गों के बीच तेजी से बढ़ी और लाखों लोग उनके अनुयायी बन गए। बाबा प्रवचन करते हैं और सुरक्षा के लिए अपने स्वयंसेवक रखते हैं जो उनके सत्संग की व्यवस्था का ध्यान रखते हैं।
हाथरस में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भी भीड़ को मैनेज करने की जिम्मेदारी उनके स्वयंसेवक ही देख रहे थे. सिकंदराराऊ के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट रवेंद्र कुमार के मुताबिक, यह हादसा तब हुआ जब कार्यक्रम खत्म होते ही श्रद्धालुओं ने भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश की। वे बाबा के चरणों के आसपास से कुछ मिट्टी भी इकट्ठा करना चाहते थे. स्वयंसेवकों ने लोगों को रोकने की कोशिश की, जिससे भगदड़ मची और 116 लोगों की जान चली गई।