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काशी बताएगी दुनिया को आयुर्वेद का महत्व, डॉक्यूमेंट्री में दुनिया भर के विशेषज्ञों की रॉय, दलाई लामा भी बताएंगे इसका महत्व...

काशी बताएगी दुनिया को आयुर्वेद का महत्व, डॉक्यूमेंट्री में दुनिया भर के विशेषज्ञों की रॉय, दलाई लामा भी बताएंगे इसका महत्व...

वाराणसी, ब्यूरो। मॉडर्न मेडिसिन के कर्ताधर्ता आमतौर पर आयुर्वेदिक पद्धति से हुए इलाज पर सबूत मांगते रहते हैं। अब अपनी काशी दुनिया के सामने पुख्ता साक्ष्यों के साथ आयुर्वेद का महत्व रखेगी। इसका जरिया बनेगा एक वृत्तचित्र, जिसका प्रीमियर इसी साल अक्तूबर-नवंबर में जिनेवा स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्यालय में किया जाएगा। 

इस डॉक्युमेंट्री में भारत समेत दुनिया भर के विशेषज्ञों के विचार लिए जा रहे हैं। इनमें बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के पूर्व डीन पद्मश्री प्रो. मनोरंजन साहू और आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. प्रमोद कुमार के विचार खास हैं। फिल्म का निर्देशन केरल के फिल्मकार विनोद मनकारा कर रहे हैं।

डॉ. प्रमोद ने घुटनों को बिना ऑपरेशन आयुर्वेदिक लेप के जरिए ठीक कर दिखाया है और उनका यह शोध प्रतिष्ठित जर्मन जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसी तरह प्रो. साहू क्षार विधि से बवासीर के सटीक इलाज के लिए ख्यातिलबंध हैं। डॉक्युमेंट्री 'द डबल हेलिक्स ऑफ लाइ‌‌फ का उद्देश्य प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति की सिद्धियों को न सिर्फ दुनिया के सामने लाना है, बल्कि आधुनिक चिकित्सा के साथ इसका सामंजस्य भी बैठाना है। फिल्म के जरिये यह भी बताने का प्रयास किया जाएगा कि किस तरह आधुनिक चिकित्सा में असाध्य रोगों को सिर्फ आयुर्वेद के जरिए ठीक किया जा सकता है।

इसलिए पड़ी फिल्म की जरूरत

पश्चिमी देश आमतौर पर आयुर्वेद के प्रति उदासीन रहते हैं। वे इस पद्धति से सटीक इलाज के क्लिनिकल सबूत मांगते रहते हैं। इस वृत्तचित्र के जरिए उन्हें यह समझाने का प्रयास किया जाएगा कि न सिर्फ असाध्य रोगों बल्कि आधुनिक रोबोटिक सर्जरी में भी आयुर्वेदिक कौशल का सहयोग लेकर इलाज की योजनाएं बनाई जा सकती हैं।

अनुसंधान में पश्चिमी देशों की मदद की जरूरत

फिल्म के जरिये यह भी बताया जा रहा है कि आयुर्वेद में असीम संभावनाएं हैं, लेकिन भारत में इनपर अनुसंधान के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी है। ऐसे में विकसित पश्चिमी देश भारत में इस काम को आसान बनाने में मदद कर सकते हैं। उन्हें आज इस जरूरत को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए।

दलाई लामा भी बताएंगे महत्व

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा इस डॉक्युमेंट्री के जरिए दुनिया को आयुर्वेद का महत्व बताएंगे। उनके अलावा जिन लोगों से साक्षात्कार लिया गया है, उनमें द यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रांस-डिसिप्लीनरीहेल्थ साइंसेज ऐंड टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर दर्शन शंकर, अमेरिका की डॉ. बासवती भट्टाचार्य, इंग्लैंड के रोबोटिक सर्जन प्रो. अली जमीर खान, विश्व स्वास्थ्य संगठन में ट्रेडीशनल मेडिसिन की निदेशक डॉ. गीता कृष्णन, ब्रिटेन के डॉ. मर्लिन एंटोनियो, डॉ. वैलियाथन, जर्मनी के कार्डियक सर्जन डॉ. पिजुनलेक, कोट्टाकल के आर्य वैद्यशाला के प्रबंध ट्रस्टी डॉ. माधवन कुल्टी वेरियर, इटली के डॉ. एंटोनियो मोरांडी, बेंगलुरु के डॉ. अस्वथ राव और फ्रांस के डॉ. मोएल वोगली शामिल हैं।