नागचंद्रेश्वर मंदिर वो 'रहस्यमयी मंदिर' है जो साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी पर ही खुलता है?.... जाने क्या है इसकी विशेषता...
Nag Panchami 2024: हमारे देश में कईं रहस्यमयी मंदिर हैं जो एक निश्चित समय पर ही खुलते हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी है, जो साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी पर ही खुलता है।
Mystery of Nagchandreshwar Temple Ujjain: मध्य प्रदेश का उज्जैन शहर अपने मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। देश भर में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा महाकालेश्वर यहीं पर है।
महाकाल मंदिर के सबसे ऊपरी तल पर स्थित है नागचंद्रेश्वर मंदिर। खास बात ये है कि ये मंदिर साल में सिर्फ एक दिन के लिए नागपंचमी पर ही खोला जाता है। हर साल नागपंचमी पर सबसे पहले पुजारी मंदिर के दरवाजे खोलते हैं और पूजा करते हैं। इसके बाद आम जनता यहां दर्शन करती है। नागपंचमी की रात फिर से इसे बंद कर दिया जाता है। आगे जानें क्यों खास है ये मंदिर…
मान्यता है कि प्राचीन महाकाल वन में इसी स्थान पर तक्षक नाग ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। प्रसन्न होकर शिवजी ने उसे इसी स्थान पर रहने का वरदान भी दिया था। इसलिए ये कहा जाता है कि आज भी तक्षक नाग इसी स्थान पर गुप्त रूप से निवास करते हैं। तक्षक नाग प्रमुख नवनागों में से एक है। तक्षक के काटने से ही अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित की मृत्यु हुई थी।
नागचंद्रेश्वर मंदिर में स्थापित शिवजी की प्रतिमा अति दुर्लभ है क्योंकि इस प्रतिमा में शेषनाग पर शिवजी और देवी पार्वती विराजमान है। प्रतिमा में इन दोनों के अलावा इनके वाहन नंदी और शैर भी दिखाई देते हैं। एक ही पत्थर पर बनाई गई ये प्रतिमा मराकालीन कला का अद्भुत उदाहरण है। ऐसा भी कहते हैं कि जिन लोगों को कालसर्प दोष है, वे यदि इस प्रतिमा के दर्शन कर लें उनकी परेशानी दूर हो जाती है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पचंमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 9 अगस्त, शुक्रवार को है, इसलिए इसी दिन ये पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सिद्ध, साध्य और अमृत नाम के 3 शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है।
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