गुलाब के फूलों की कांवड़ियों और श्रद्धालुओं के ऊपर मुस्लिम समुदाय ने की पुष्पवर्षा, एकता की मिसाल देख चारों तरफ गूंजा हर-हर महादेव ...
वाराणसी, ब्यूरो। धर्म नगरी में वाराणसी में सावन मास महाउत्सव की शुरुआत हो गई है। सावन के पहले सोमवार पर लाखों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। इस दौरान मंदिर प्रशासन ने कांवड़ियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया, तो वहीं वाराणसी में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के भी लोगों ने कांवड़ियों पर गुलाब की पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल देख चारों तरफ हर-हर महादेव का नारा गूंज उठा। अब गंगा जमुनी तहजीब की हर तरफ तारीफ हो रही है।
हाथों में गुलाब के फूलों से भरी थाली लेकर कांवड़ियों और श्रद्धालुओं के ऊपर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुष्पवर्षा की। हर साल की तरह इस बार भी भाईचारे का संदेश देने के वाराणसी आए श्रद्धालुओं के ऊपर पुष्प वर्षा की गई है।
गौदौलिया चौराहे से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक लाइन में खड़े कांवड़ियों के ऊपर लगातार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फूल बरसाए। इससे बाबा भोले के भक्त खुश हो गए और वहां भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगने लगे।
स्थानीय युवक मो. इस्लाम, आरिफ मोहम्मद और मो.साबिर ने हमारे मीडिया प्रतिनिधि को बताया कि हम लोगों के समुदाय ने काशी की गंगाजमुनी तहज़ीब को जीवित और साथ ही इन कट्टर पंथियों के मुंह पर करारा तमाचा रसीद करते हुए यह गुलाब के पंखुड़ियां की पुष्प वर्षा की गई और कांवड़ियों का स्वागत किया गया है।
उनका कहना है कि दूर दराज से आये यह श्रद्धालु जब दर्शन कर अपने घर जाएंगे तो वो बनारस के गंगा जमुनी एकता के बारे में चर्चा करेंगे। जिससे हमारे भाईचारे का संदेश पूरी दुनिया में जाएगा। काशी के इस महाउत्सव में यह नजारा काफी आकर्षक रहा। मुस्लिम लोग फूलों की वर्षा कर रहे थे, तो श्रद्धालुओं ने भी हर हर महादेव के उद्घोष के साथ उनका स्वागत स्वीकार किया।
गौरतलब है कि बनारस में हर साल यह परंपरा निभाई जाती है। आज सावन का पहला सोमवार है। काशी के विश्वनाथ मंदिर में सुबह 6 बजे बाबा की मंगला आरती हुई, रात 12 बजे से मंदिर के अंदर से लेकर पूरा शहर भक्तों के भरा रहा। मंदिर के बाहर डमरू वादकों ने भक्ति मय माहौल बना दिया था।