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एसडीएम का माथा हुआ गरम, फिर पहुंच गया योगी का बुलडोजर गरजा तो लोग खुद ही तोड़ने लगे अपना घर...

एसडीएम का माथा हुआ गरम, फिर पहुंच गया योगी का बुलडोजर गरजा तो लोग खुद ही तोड़ने लगे अपना घर...

बाराबंकी, ब्यूरो। विनय न मानत जलध जड़ गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय न प्रीति।' रामचरितमानस की यह पंक्तियां जमुरिया नदी के तट पर शुक्रवार को चरितार्थ होती दिखीं।पिछले माह जिन लोगों को जमुरिया नदी की 25 मीटर की परिधि में जिनके घर आ रहे थे, उन्हें नोटिस देने के साथ ही घरों पर निशान लगाए गए थे। जिनके घर पूरे व आधे टूट रहे हैं, उन्हें कांशीराम आवास भी दिया गया। 

बची हुई जमीन में घर बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन पत्र भरवाए गए। इसके बावजूद कई लोगों ने स्वयं अपने घरों का निर्धारित हिस्सा नहीं तोड़ा। बारिश भी शुरू हो गई है, ऐसे में शुक्रवार को प्रशासन का बुलडोजर आखिरकार उस समय गरज पड़ा, जब नेहरू नगर व दयानंदनगर में हद हो गई। प्रशासन की पोकलैंड मशीनें (बुलडोजर) उन घरों के सामने घंटों खड़ी रहीं, जिन्हें तोड़ने के लिए एक सप्ताह पहले निशान लगाए गए थे। 

एसडीएम का माथा हुआ गर्म

दोपहर बाद एसडीएम नवाबगंज बिजय कुमार त्रिवेदी का माथा गरम हो गया। वह सीओ सिटी जगत कनौजिया के साथ भारी सुरक्षाबल लेकर मौके पर पहुंचे। संबंधित मकान मालिकों को पहले स्वयं घर तोड़ने के लिए पीरबटावन क्षेत्र का उदाहरण देते हुए समझाया फिर कड़ी चेतावनी भी दी। उम्मे अहमद के मकान के शौचालय का हिस्सा तोड़ना था, लेकिन उनकी पत्नी इस बात पर अड़ी थी कि पड़ोसी सुरैया के मकान के ढाई फीट हिस्से को पहले तोड़ा जाए। 

इन्हीं घरों के सामने पश्चिमी छोर पर एक मकान के स्वामी ने भी आंशिक भाग नहीं तोड़ा। ऐसे में पश्चिम वाले मकान को नहीं तोड़ने का आरोप प्रशासनिक अधिकारियों पर पूरब की दिशा के लोग लगाने लगे। एक व्यक्ति ने स्वयं को सचिवालय कर्मी बताकर रुकैया के मकान को स्वयं तोड़ने के लिए 12 घंटे का समय मांगा। लोगों के इस रवैया को देखकर एसडीएम ने उम्मे अहमद के मकान के आंशिक भाग को तत्काल तोड़ने का निर्देश दिया। 

जैसे ही उम्मे अहमद के शौचालय पर बुलडोजर गरजा, वैसे ही रुकैया के घर का छज्जा व दीवार उनके परिवारजन हथौड़े से यह कहकर तोड़ने लगे कि बुलडोजर से तोड़ने पर पूरा मकान हिल जाएगा। वहीं, पश्चिम की ओर वाले मकान के लोग भी छत की चहारदीवारी तोड़ने लगे। निर्धारित हिस्सा सुबह तक तोड़ने की बात कहकर मोहलत मांगने लगे। 

उधर, नेहरू नगर में संतोष कुमार के मकान का आधा हिस्सा तोड़ना था। इसलिए संतोष को कांशीराम आवास भी दिया गया है, फिर भी संतोष ने स्वयं अपना आंशिक भाग नहीं तोड़ा। प्रशासन का बुलडोजर सफाई करते हुए इनके घर तक पहुंचा तो परिवार के लोग छत पर खड़े हो गए। बुलडोजर चालक ने एसडीएम को सूचित किया। दयानंद नगर से निकलकर एसडीएम नेहरू नगर पहुंचे। उन्होंने संतोष के परिवारजन को भी जमुरिया खोदाई के अभियान में बाधा नहीं बनने की हिदायत दी। 

एसडीएम ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटवाया जा रहा है। पिछली बार इसी अतिक्रमण के कारण बाढ़ आई थी। आधा शहर परेशान हुआ था। इसलिए सफाई कराना व अतिक्रमण हटाना जरूरी है। इसमें किसी के साथ कोई मुरव्वत नहीं की जाएगी। जो स्वयं नहीं तोड़ेगा, उसके घर का हिस्सा बुलडोजर से तोड़ा जाएगा।