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काशी की गलियों में निकले नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ, भक्तों ने की बारिश में भींगकर पुष्प वर्षा कल से लक्खा मेला शुरू...

काशी की गलियों में निकले नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ, भक्तों ने की बारिश में भींगकर पुष्प वर्षा कल से लक्खा मेला शुरू...

वाराणसी, ब्यूरो। भक्तों के प्रेम में भीगकर बीमार पड़े नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ ने शनिवार को भक्तों को दर्शन दिए। भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र ने 13 दिनों के अज्ञातवास के बाद मनफेर के लिए पालकी में सवार होकर काशी की गलियों में भ्रमण किया। शाम को भगवान के रथ का पूजन हुआ। मध्य रात्रि में भगवान रथ पर विराजमान हो जाएंगे।

स्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ गाजे-बाजे के साथ नगर भ्रमण के लिए डोली में सवार होकर अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर से निकले। डोली में सवार विग्रह पर पूरे रास्ते जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई। लोगों का उत्साह बारिश होने के बावजूद भी कम नहीं रहा।

पालकी पर सवार होकर भगवान मंदिर परिसर से होते हुए अस्सी चौराहा, पद्मश्री चौराहा, दुर्गाकुंड होते हुए नवाबगंज, खोजवां बाजार, शंकुलधारा पोखरा, बैजनत्था होते हुए रथयात्रा स्थित बेनीराम बाग पहुंचे। इसी के साथ रविवार तड़के से विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा मेला का आगाज होगा।

भगवान जगन्नाथ के मंदिर के कपाट आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा पर शनिवार को भोर में पांच बजे खुले। सुबह 5:30 बजे मंगला आरती, स्तुति व भजन किया गया। आठ बजे भगवान को दूध का नैवेद्य और 10 बजे महाप्रसाद नैवेद्य अर्पित किया गया। मध्याह्न 12 से अपराह्न तीन बजे तक मंदिर के पट बंद रहे। अपराह्न तीन बजे मंदिर के पट खुले और भगवान की कपूर से आरती उतारी गई। वहीं अपराह्न 3:30 बजे से डोली शृंगार और शाम को चार बजे भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के विग्रह को डोली में विराजमान करके डोली यात्रा आरंभ की गई।

शाम को पांच बजे रथयात्रा पर भगवान के रथ की पूजा और आरती की गई। पं. बेनीरामबाग से श्री पंचमुखी हनुमानजी की पूजा और आरती के बाद रथ यूनियन बैंक से निराला निवेश तक पहुंचा। मध्यरात्रि में तीन बजे ठाकुरजी के विग्रह को रथ पर विराजमान कराकर शृंगार किया जाएगा। सात जुलाई की भोर से रथ को खींचने के साथ ही रथयात्रा का तीन दिवसीय मेला भी शुरू हो जाएगा।