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जिसने केशव मौर्य को हराया उसी से क्यों मिले सीएम योगी? पल्लवी पटेल से मुलाकात के बाद यूपी राजनीति में मची खलबली...

जिसने केशव मौर्य को हराया उसी से क्यों मिले सीएम योगी? पल्लवी पटेल से मुलाकात के बाद यूपी राजनीति में मची खलबली...

लखनऊ, ब्यूरो। यूपी बीजेपी में अंदरूनी कलह खत्म नहीं हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच अभी भी छत्तीस का आंकड़ा नजर आ रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना दल कमेरावादी की नेता और सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल से मुलाकात की है। पल्लवी पटेल ने विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य को करारी शिकस्त दी थी। वह NDA की सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) की प्रमुख और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं।

सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उन्होंने इस मुलाकात को लेकर कहा था कि यह मुलाकात उनके क्षेत्र सिराथू को लेकर थी, लेकिन इस मुलाकात ने सियासी गलियारों में अलग ही चर्चा छेड़ा दी है।

मुलाकात और उप चुनाव की तैयारी

एक ओर पल्लवी पटेल से सीएम योगी की मुलाकात तो दूसरी ओर खबर ये है कि उन्होंने यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मंत्रियों की एक टीम बनाई है। बीजेपी संगठन ने इस चुनाव की पहले ही तैयारी शुरू कर दी है। इसके बाद उप चुनाव के लिए सीएम योगी का टीम बनाना कहीं न कहीं खलबली मचा देने वाला है।

केशव की काट बन सकती हैं पल्लवी?

पल्लवी से मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा तेज हो गई है कि वह भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकती हैं। पिछड़ा वर्ग से आने वाली पल्लवी को केशव प्रसाद मौर्य के काट के तौर पर भी देखा जा रहा है। 2022 का विधानसभा चुनाव पल्लवी पटेल ने अखिलेश यादव के साथ लड़ा था। उन्होंने सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य को 12 हजार वोटों के अंतर से हराया था।

केशव भी कर रहे हैं मुलाकात

एक तरफ योगी आदित्यनाथ तो दूसरी ओर केशव प्रसाद मौर्य भी सहयोगी दलों के नेताओं से बात कर रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने ओमप्रकाश राजभर, संजय निषाद जैसे नेताओं से मुलाकात की। उनकी इन मुलाकातों को योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लामबंदी के रूप में देखा जा रहा है।

योगी ने टीम से कहा - उप चुनाव की 10 की 10 सीटें जीतनी है

उपचुनाव के लिए सीएम योगी ने अपनी टीम के मंत्रियों से पहली मीटिंग में 10 में से 10 विधानसभा सीटों को जीतने की बात कही।

2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को देखते हुए, जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां उसकी स्थिति ठीक नहीं है। इन 10 सीटों में से समाजवादी पार्टी के पास 5, बीजेपी के पास 3 और उसके गठबंधन सहयोगी निषाद पार्टी और रालोद के पास एक-एक सीट थी। ऐसे में इन सीटों के लिए अभी से तैयारी करना कहीं न कहीं योगी आदित्यनाथ के अप्रोच को दर्शाता है।

सीएम योगी के लिए लिटमस टेस्ट है उप चुनाव

यूपी में होने वाले 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर विश्लेषकों का मानना है कि उपचुनाव योगी के शासन और यूपी बीजेपी की संगठनात्मक ताकत के लिए लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है। उप चुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए भी लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है। इन सीटों पर बीजेपी को जिताकर सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी बीजेपी की अंदरूनी कलह को भी खत्म कर सकते हैं।