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फूलपुर थाने पर  तैनात एक सिपाही निलंबित, दो सिपाही हुए लाइन हाजिर.. ड्यूटी में लापरवाही  वाले कर्मियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई, पुलिस आयुक्त...

फूलपुर थाने पर तैनात एक सिपाही निलंबित, दो सिपाही हुए लाइन हाजिर.. ड्यूटी में लापरवाही वाले कर्मियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई, पुलिस आयुक्त...

वाराणसी, ब्यूरो। फूलपुर थाने में तैनात रहे एक सिपाही के खिलाफ जारी जांच के दौरान उसे गैर जनपद के लिए रवाना करने में मदद करना तीन सिपाहियों को महंगा पड़ा। डीसीपी गोमती जोन मनीष कुमार शांडिल्य ने एक सिपाही को निलंबित कर दिया है। वहीं, दो सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया है।

फूलपुर थाने में तैनात एक सिपाही के खिलाफ क्षेत्र के ही एक युवक ने वाराणसी कमिश्नरेट के उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी। युवक का आरोप है कि सिपाही का उसकी पत्नी के साथ गलत संबंध है। उस सिपाही के खिलाफ लगे आरोप की जांच एसीपी पिंडरा द्वारा की जा रही थी। 

जांच के बीच ही उसका तबादला गैर जनपद हो गया। जांच में सिपाही ने खुद को फंसता देखा तो फूलपुर थाने में सीसीटीएनएस का काम करने वाले सिपाही प्रिंस यादव व हेड मुहर्रिर अशोक कुमार यादव और एसीपी पिंडरा के कार्यालय में कार्यरत मुंशी बजरंगी की मदद से अपनी रवानगी गैर जनपद करा ली। 

इसकी जानकारी जब उच्चाधिकारियों को हुई तो सिपाही की खोजबीन शुरू हुई, लेकिन वह मोबाइल स्विच ऑफ कर गायब है। इस पर डीसीपी गोमती जोन ने सिपाही प्रिंस को निलंबित कर दिया। वहीं, अशोक और बजरंगी को लाइन हाजिर कर दिया गया। गैर जनपद स्थानांतरित होने वाले सिपाही की तलाश में पुलिस टीम उसे ढूंढ़ने में लगी हुई है। पुलिस उसके गृह जनपद सुल्तानपुर तक भागदौड़ कर आई, लेकिन पता नहीं लगा।

जो जुगाड़ लगा रहे थे अब पैरवी कर रहे रिलीव हो जाएं

कमिश्नरेट में तैनात 2015 बैच के 200 से ज्यादा दरोगा का तबादला हाल ही में गैर जनपद के लिए लखनऊ स्तर से किया गया था। कई दरोगा नेताओं या अन्य माध्यमों से पैरवी करा रहे थे कि उन्हें गैर जनपद न जाना पड़े और वह फिलहाल बनारस ही रुक जाएं। 

इस बीच इस हफ्ते में अब तक कामकाज में घोर लापरवाही मिलने पर दो थानाध्यक्षों, दो चौकी प्रभारियों और एक दरोगा (लिपिक) को पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल निलंबित कर चुके हैं। साथ ही तीन थानाध्यक्षों को पुलिस आयुक्त ने लाइन हाजिर कर दिया है। 

इससे पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है और कर्मियों के बीच एक ही चर्चा है कि अब अगली बारी किसकी है। कामकाज को लेकर पुलिस आयुक्त का सख्त रवैया देख वाराणसी में रुकने का जुगाड़ लगा रहे दरोगा अब खुद को रिलीव कराने के लिए जी-जान से प्रयासरत हैं। 

पत्नी या मां-बाप की बीमारी का प्रार्थना पत्र देकर रुकने का प्रयास करने वाले दरोगा भी कह रहे हैं कि अब कोई दिक्कत की बात नहीं है। उन्हें बस रिलीव कर दिया जाए। इस बात की पुलिस आयुक्त कार्यालय में बृहस्पतिवार को खासी चर्चा रही।