Headlines
Loading...
रक्षाबंधन पर 12 हजार करोड़ ₹ से ज्यादा का हुआ व्यापार, चीनी राखियों की बजाय अपने देश की राखियों ने जमाई अपनी धाक...

रक्षाबंधन पर 12 हजार करोड़ ₹ से ज्यादा का हुआ व्यापार, चीनी राखियों की बजाय अपने देश की राखियों ने जमाई अपनी धाक...

नईदिल्ली, ब्यूरो। आज सोमवार 19 अगस्त को भाई-बहनों के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन पूरे देश में धूमधाम से मनाया जायेगा। व्यापारियों का अनुमान है कि केवल इस एक दिन के त्योहार में बाजार में लगभग 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हो सकता है। पिछले वर्ष राखी पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। 

अच्छे व्यापार से बाजार में नया रौनक आने की शुरुआत हो सकती है। राखी के साथ ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाएगा। इसके बाद कृष्णजन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली की शुरुआत हो जाएगी। व्यापारियों का अनुमान है कि इस दौरान लोग जमकर खरीदारी करेंगे और बाजार चल पड़ेगा, जिसका लाभ सबको मिलेगा। 

व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि इस वर्ष राखी के त्यौहार पर देश भर में 12 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का त्योहारी व्यापार होने की उम्मीद है। बाज़ारों में राखी की खरीददारी की ज़बरदस्त भीड़ है और लोगों में त्यौहार के प्रति बहुत उत्साह भी है। पिछले कई वर्षों से देश में स्वदेशी राखियों ही अधिक बिक रही हैं और इस वर्ष भी चीन की बनी राखियों की न तो बहुत मांग है और बाजार में चीनी राखियां दिखाई भी बहुत कम दे रही है। 

इस तरह की राखियां बाजार में

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया की इस वर्ष विशेष प्रकार की राखियां बनाई गईं हैं। जिनमें नागपुर में बनी खादी राखी, जयपुर में सांगानेरी कला राखी, पुणे में बीज राखी, मध्यप्रदेश के सतना में ऊनी राखी, आदिवासी वस्तुओं से बनी बांस की राखी, असम में चाय पत्ती राखी, कोलकाता में जूट राखी, मुंबई में रेशम राखी, केरल में खजूर राखी, कानपुर में मोती राखी, बिहार में मधुबनी और मैथिली कला राखी, पांडिचेरी में सॉफ्ट पत्थर की राखी, बेंगलुरु फूल राखी आदि शामिल हैं। वहीं देश का गर्व प्रदर्शित करने वाली तिरंगा राखी, वसुधैव कुटुंबकम की राखी, भारत माता की राखी आदि शामिल हैं, जिनकी मांग बहुत अधिक है। इसके अलावा डिज़ाइनर राखियों तथा चाँदी की राखियाँ भी बाज़ार में खूब बिक रही हैं। 

क्या है शुभ मुहूर्त

कैट की वैदिक कमेटी के अध्यक्ष आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि 19 अगस्त को दोपहर 1.30 मिनट तक भद्रा काल है, जिसमें कोई भी मंगल कार्य निषेध है। इसलिए देश भर में रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार दोपहर 1.31 मिनट से ही मनाया जायेगा। कैट ने इस तरह की एडवाइजरी आज देश के सभी व्यापारी संगठनों को भेजी है और कहा है कि सभी व्यापारी शुभ समय में ही रक्षा बंधन का पर्व मनाएं।