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1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 3 सिखों को जिंदा जलाकर मारने का आरोप तय, कोर्ट का आदेश...

1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 3 सिखों को जिंदा जलाकर मारने का आरोप तय, कोर्ट का आदेश...

नई दिल्ली, ब्यूरो :: राउज एवेन्यू कोर्ट ने पुल बंगश सिख हत्याकांड मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। यह मामला 1 नवंबर 1984 को तीन सिखों की हत्या और एक धार्मिक स्थल में आगजनी से जुड़ा है। इस दौरान तीन सिख बंधुओं को जिन्दा जलाकर बेरहमी से मार डाला गया था।

विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने फैसला सुनाया कि धारा 302 और 109 आईपीसी के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 143, 153 ए, 188, 149, 295, 380 और 436 के तहत आरोपों के साथ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। टाइटलर को धारा 148 आईपीसी के तहत आरोप से मुक्त कर दिया गया है। आरोपों का औपचारिक निर्धारण 13 सितंबर के लिए निर्धारित है, जिसमें टाइटलर को उस तारीख को अदालत में पेश होना है। 

यह घटना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के मद्देनजर हुई थी। 20 मई, 2023 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने टाइटलर के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। इसके बाद अदालत ने 26 जुलाई, 2023 को एक समन जारी किया, जिसके कारण टाइटलर को 5 अगस्त को अदालत में पेश होना पड़ा। उन्हें उसी दिन जमानत दे दी गई।

सीबीआई की जांच से पता चला है कि टाइटलर ने कथित तौर पर गुरुद्वारा पुल बंगश में भीड़ को उकसाया और भड़काया, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा जला दिया गया और सरदार ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की मौत हो गई। 2000 में गठित न्यायमूर्ति नानावटी जांच आयोग ने गृह मंत्रालय से नए सिरे से जांच के निर्देश दिए। पूरक आरोप पत्र में 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में टाइटलर की कथित भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।