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हमने उन्हें उजाड़ा तो 2027 में वे हमें उखाड़ देगें, नजूल भूमि बिल पर सीएम योगी के मंत्री संजय निषाद की दो टूक बोल...

हमने उन्हें उजाड़ा तो 2027 में वे हमें उखाड़ देगें, नजूल भूमि बिल पर सीएम योगी के मंत्री संजय निषाद की दो टूक बोल...

लखनऊ, ब्यूरो। यूपी में नजूल भूमि विधेयक योगी सरकार के गले की हड्डी बन गया है। विपक्ष तो हमलावर है ही भाजपा के विधायकों से लेकर सहयोगी दलों ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। एनडीए में शामिल अपना दल सोनेलाल पार्टी की प्रमुख और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के बाद योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने इस बिल का खुला विरोध कर दिया है। 

संजय निषाद ने यहां तक कह दिया कि नजूल भूमि बिल लाकर अगर हम गरीबों और दलित-पिछड़ी जातियों को उजाड़ेंगे को 2027 के विधानसभा चुनाव में वह हमें उखाड़ देंगे। संजय निषाद ने यह भी कहा कि यूपी के कुछ अधिकारी इस सरकार को देखना नहीं चाहते हैं। वह इस तरह के कानून बनवा रहे हैं जिससे सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी हो जाए और सरकार दोबारा न बनें। यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि यह विधेयक किसी भी तरह से लागू न हो पाए।

मीडिया से बातचीत में संजय निषाद ने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा से गरीबों और वंचित जातियों के लिए काम करती रही है। हम लोग निर्बल को सबल बनाने का काम लंबे समय से कर रहे हैं। इसी से देश भी सबल बन सकेगा। संजय निषाद ने कहा कि हम लोग गांवों में घरौनी बांट रहे हैं। लोगों को आवास दे रहे हैं। जो लोग ग्राम समाज की भूमि पर पहले से हैं और कागज नहीं है उन्हें मालिकाना हक दे रहे हैं। जिस तरह से गांव में ग्राम सभा होती है उसी तरह शहर में नजूल भूमि है। यहां भी कुछ ऐसा ही कर सकते हैं।

संजय निषाद ने कहा कि इन नजूल भूमि पर पिछड़ी और दलित जातियां और घूमंतू जातियां मल्लाह, बिंद, निषाद, कश्यप, कहार जैसी 578 जातियां रहती हैं। यह जातियां अंग्रेजों से लड़ने के कारण जमीन पर से कानूनी रूप से उजड़े हुए हैं। यह लोग शहरों में सड़क किनारे सरकारी जमीनों पर पड़े हैं। जब अग्रेज शहर में थे तो उनको मारने के लिए इन्हें भी शहर में आना पड़ा था। 70 से 80 साल से ज्यादा समय से यहां पर रह रहे होंगे।

हम चाहते हैं कि जो बड़े लोग हैं, बड़े घरों में रहते हैं उन्हें भी छोड़ दिया जाए। उनसे पैसा ले लिया जाए। जो सरकारी जमीन खाली है उसे सरकार ले ले। जो जहां है उसे किसी भी तरह से बसाया जाए। कहा कि अगर इन्हें हम लोग उजाड़ेंगे तो यह 2027 के विधानसभा चुनाव में हमें उखाड़ देंगे। आप किसी को उजाड़ेंगे तो वह हमें क्यों वोट देगा। उजाड़ने से पहले उसे स्थापित किया जाए। यह जातियां जमीनों पर पहले से स्थापित हैं तो उसे मालिकाना हक दिया जाए। अन्य प्रदेशों में भी ऐसा होता है। 

संजय निषाद ने इसके लिए कर्नाटक और तमिलनाडु का उदाहरण भी दिया। कहा कि मैं बंगलुरू और चेन्नई गया था। वहां देखा कि समुंद्र के किनारे एक लाख मकान बनाकर मछुआरों को दिया गया है। जिन्हें हम विस्थापित करना चाहते हैं उनके लिए पहले इंतजाम किया जाए। संजय निषाद ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो चाहते हैं कि सरकार से लोगों की नाराजगी हो जाए और सरकार अगले चुनाव में हार जाए। कहा कि विधेयक विधान परिषद में आने के बाद प्रवर समिति को भेजा गया है। हम चाहते हैं कि इसे किसी भी तरह से लागू नहीं होने दिया जाए।