वाराणसी :: पांच फुट की गलियों में तान दिए 50 फुट ऊंचे होटल, लेकिन सिर्फ पांच पर लिया गया VDA द्वारा एक्शन...
वाराणसी, ब्यूरो। दिल्ली से बेसमेंट में हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन कुछ दिनों के लिए जागा था। पहले कुछ बेसमेंट पर कार्रवाई कर खानापूरी की गई और उसके बाद अवैध होटलों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ पांच होटलों पर कार्रवाई हुई। उसके बाद किसी होटल पर कार्रवाई नहीं हुई जबकि शहर कैंट की परेड कोठी, विजयानगरम, इंग्लिशया लाइन, मलदहिया, गोदोलिया, दशाश्वमेध, अस्सी और लंका समेत अन्य क्षेत्रों में करीब दो हजार से अधिक होटल पांच फुट जैसी पतली गलियों में बिना किसी एनओसी के चल रहे हैं।
इन होटलों के पास अग्निशमन विभाग से एनओसी तक नहीं है। शहर के कई होटल मानकों को ताक पर रखकर चल रहे हैं। इन होटलों में कोई मानक पूरा नहीं है। इन संकरी जगहों पर चल रहे होटल में दमकल वाहनों के जाने की गुंजाइश नहीं है। मकानों को होटल में तब्दील कर दिया गया है। उनमें आने-जाने का सिर्फ एक ही गेट है। ऐसे में कोई दुर्घटना हो जाए तो कैसे बाहर निकलकर बचाव करेंगे, यह बड़ा सवाल है।
आग लगने की घटना होने पर इस तरह के होटल गैस चैंबर बन जाते हैं। छह अगस्त को जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण और अग्निशमन विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ पांच होटलों पर कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर दी।
एनओसी के यह हैं मानक
भवन का नक्शा पास होना चाहिए। निर्माण से पहले ऑनलाइन आवेदन कर विभाग की प्रोविजनल एनओसी ली जानी चाहिए। भवन तैयार होने के बाद व संचालन से पहले फाइनल एनओसी दी जाती है। क्षेत्रफल के हिसाब से छत पर 10 हजार लीटर का टेरिस टैंक, उस पर 900 एलपीएम का पंप, फायर इंस्टीग्यूसर, प्रत्येक फ्लोर पर हौजरील, मैनुअल फायर अलार्म सिस्टम, धुआं निकालने के लिए एग्जॉस्ट फैन, भवन में न्यूनतम दो सीढ़ियां अनिवार्य हैं।
इन पांच होटलों पर हुई थी कार्रवाई
शिवपुर के राजधानी गेस्ट हाउस, इंग्लिशिया लाइन स्थित होटल राधेकृष्ण व शिवाला स्थित सिटी गार्डेन और अंधरापुल स्थित होटल जेनिया व तरना के एसडीएम गेस्ट हाउस पर कार्रवाई की गई है।
क्या बोले अधिकारी
अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। मानकों के अनुरूप जो होटल या भवन नहीं बने हैं उनके खिलाफ भी जांच अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
- पुलकित गर्ग, वीसी, वीडीए।