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वाराणसी :: बहरीन में गूंजेगी देववाणी, संस्कृत में दी जाएगी वैदिक ज्ञान की जानकारी; पहली बार हुआ ये फैसला...

वाराणसी :: बहरीन में गूंजेगी देववाणी, संस्कृत में दी जाएगी वैदिक ज्ञान की जानकारी; पहली बार हुआ ये फैसला...

वाराणसी ब्यूरो। खाड़ी देशों में पहली बार देववाणी संस्कृत और वेदमंत्र गूंजेंगे। इसके साथ ही वैदिक ज्ञान परंपरा और संस्कृत भाषा का प्रचार व शिक्षण भी होगा। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और नव भारत इंटरनेशनल बहरीन साम्राज्य के बीच ऑनलाइन एमओयू (समझौता) पत्र पर हस्ताक्षर हुआ।दोनों देश के विश्वविद्यालय मिलकर भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति पर सहयोगात्मक शोध कार्य करने की संभावना की खोज करेंगे।

कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा और नव भारत इंटरनेशनल डब्ल्यूएलएल किंगडम ऑफ बहरीन के संरक्षक जी. प्रदीप कुमार ने हस्ताक्षर किए। कुलपति प्रो. शर्मा ने बताया कि बहरीन साम्राज्य और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय भारत में भारतीय संस्कृति, परंपरा, कला, भाषा और विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक और मानवीय गतिविधियों के प्रचार और प्रसार पर मिलकर काम करेंगे। 

एमओयू वर्चुअल/ ऑफलाइन मोड के माध्यम से वैदिक परंपरा ज्ञान और संस्कृत भाषा के प्रचार, शिक्षण, प्रमाणीकरण के उद्देश्य से दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षर किए गए हैं। एमओयू पर दोनों संस्थाओं के प्रमुखों के अतिरिक्त बहरीन के बहरीन साम्राज्य के निदेशक रुद्रेश कुमार सिंह एवं रितेश दुबे ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए। 

बहरीन के विद्यार्थियों को होगा लाभ : नव भारत इंटरनेशनल डब्ल्यूएलएल किंगडम ऑफ बहरीन के संरक्षक जी प्रदीप कुमार ने बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा एवं शास्त्रों के संरक्षक के रूप में स्थापित यह संस्था समझौते के अनुसार प्रथम पक्ष है। एमओयू से बहरीन में शास्त्रों में अंतर्निहित ज्ञान तत्वों का अध्ययन-अध्यापन एवं अनुसंधान का लाभ प्राप्त होगा। बहरीन के भी विद्यार्थियों को दूरगामी लाभ मिलेगा।