वाराणसी जिले में अतिक्रमण न हटाने पर डीएम एस.राज.लिंगम पर कोर्ट द्वारा दस हजार रू का लगा जुर्माना...
वाराणसी ब्यूरो। एनजीटी ने असि और वरुणा किनारे अतिक्रमण हटाने के आदेश का अनुपालन नहीं करने के आरोप में डीएम एस. राजलिंगम पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए अगली सुनवाई पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होने का आदेश दिया है.उन्होंने यह कार्रवाई अनुपालन (निष्पादन) याचिका पर सुनवाई करते हुए की. उन्होंने सुनवाई के लिए अगली तिथि 18 नवम्बर नियत करते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है.
पिछले अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने 23 नवम्बर 2023 के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर एनजीटी के प्रधान पीठ के समक्ष याचिका दायर की थी. प्रधान पीठ नई दिल्ली की तीन सदस्यीय पीठ अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य, न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल ने सुनवाई की. अधिवक्ता ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बहस की. उन्होंने असि व वरुणा पर अतिक्रमण की जिओ-टैग ताजी तस्वीरें और मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली पर्यवेक्षण समिति और जिलाधिकारी की अगुवाई वाली अनुपालन समिति कि बैठकों का ब्योरा रखते हुए बताया कि केवल बैठकें हो रही हैं धरातल पर कोई कार्य नहीं हो रहा है।
न्यायमूर्ति ने आदेश के अनुपालन में लापरवाही पर आश्चर्य भी जताया. उन्होंने अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई। जिलाधिकारी के असहयोगात्मक रवैये को लेकर 10 हजार का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. इसके साथ ही असि-वरुणा के मूल याचिका के साथ अनुपालन याचिका को समायोजित करने का आदेश दिया. यह जानकारी याचिकाकर्ता और अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दी है।
असि और वरुणा उद्धार मामले में मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में असि और वरुणा नदी के उद्धार की मांग मामले में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से 22 अक्तूबर तक जवाब मांगा है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने जयराम कुमार शरण की जनहित याचिका पर दिया है. कोर्ट ने यह आदेश जवाब के लिए समय दिए जाने के बावजूद हलफनामा दाखिल नहीं किए जाने पर दिया है।