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उन्नाव जिले के एक एग्जाम हॉल में पेपर दे रही थी बेटी, बाहर पिता को पुलिस ने पीटा, सिपाही भर्ती परीक्षा देने आई युवती ने किया हंगामा...

उन्नाव जिले के एक एग्जाम हॉल में पेपर दे रही थी बेटी, बाहर पिता को पुलिस ने पीटा, सिपाही भर्ती परीक्षा देने आई युवती ने किया हंगामा...

उन्नाव जिला, ब्यूरो। सिपाही भर्ती की परीक्षा देने आई महिला अभ्यर्थी के पिता (लखनऊ सचिवालय के लाइब्रेरियन) को स्कूल कर्मी व पुलिस ने जमकर पीटा। परीक्षा देकर बाहर निकली बेटी ने पिता की आपबीती सुन जमकर हंगामा किया और कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने उसे धमकाया पर वह कार्रवाई की मांग पर अड़ी रही। 

बाद में पुलिस ने उसे बारिश के बीच वहां से चलता कर दिया। महिला अभ्यर्थी ने लखनऊ में मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही है। लखनऊ के सूर्य नगर निवासी स्वाती राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में पिता राजवीर सिंह के साथ पुलिस भर्ती की परीक्षा देने पहुंचीं। 

स्वाती कक्ष के अंदर चली गईं, जबकि पिता बाहर उनका इंतजार करने लगे। पिता के अनुसार, कॉलेज के एक कर्मचारी ने उसे अंदर चलकर बैठने को कहा। सहजता से वह कर्मचारी के साथ चला गया। 

बेहद नशे में था स्कूल कर्मी

पिता का आरोप है कि कर्मी बेहद नशे में था और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। विरोध करने पर सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी उसे बाहर खींच ले गए और उन्होंने भी उसके साथ मारपीट की। यहां तक कि जेल भेज देने की धमकी भी दी। 

वहां खड़े एक युवक ने वीडियो बनाया तो पुलिस ने जबरन उसे फटकार लगाकर वीडियो भी डिलीट करा दिया। छात्रा परीक्षा देकर केंद्र से बाहर निकली तो पिता ने उसे मामले की जानकारी दी। 

इस पर छात्रा का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। पिता से अभद्रता से नाराज बेटी ने जमकर हंगामा किया और संबंधित केंद्र के कर्मी व पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। 

सीओ ने किया समझाने का प्रयास

कोतवाल पीके मिश्र व सीओ सिटी सोनम सिंह मौके पर पहुंचीं और कार्रवाई का भरोसा देकर उसे समझाने का प्रयास किया। युवती के न मानने पर सीओ वहां से चली गईं। इसी बीच भारी बारिश के बीच पुलिसकर्मियों ने उसे घर जाने की बात कह केंद्र से चलता कर दिया। 

युवती ने बताया कि वह लखनऊ में मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करेंगी। सीओ सोनम सिंह ने बताया कि हंगामा कर रही युवती को तहरीर देने को कहा गया पर वह इस पर तैयार नहीं हुई यदि तहरीर देती है तो जांच करा कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कर्मियों द्वारा मारपीट किए जाने के आरोप निराधार हैं।