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बनारस बंद का दिखा असर, बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ सड़क पर उतरे काशी वासी और कहा, विपक्ष चुप क्यो हैं?...

बनारस बंद का दिखा असर, बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ सड़क पर उतरे काशी वासी और कहा, विपक्ष चुप क्यो हैं?...

वाराणसी, ब्यूरो। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के साथ हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं के विरोध में गुरुवार को उत्तर प्रदेश का बनारस शहर बंद रहा। संतो के आवाह्न पर धर्म की नगरी में करीब 70 प्रतिशत दुकानों का शटर सुबह से बंद रहे। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ शाम होते ही संतो की अगुवाई में हजारों की संख्या में व्यापारी, छात्र और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग सड़क पर उतरे। 

शहर के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में नगर निगम के शहीद उद्यान के पास पहुंचे काशीवासी हाथों में तिरंगा झंडा और हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार की तख्तियों को लेकर प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला।

रैली में विपक्ष पर भड़के संत, बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर चुप्पी पर उठाए सवाल

बांग्लादेश में हुए हिंदुओं पर अत्याचार और नरसंहार की घटना के खिलाफ काशी की सड़को पर उमड़े जनसैलाब का प्रतिनिधित्व करने वाले संतो ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर पीड़ितों को न्याय दिलाने की आवाज उठाई। इस दौरान संतो और समाजसेवियों ने वाराणसी के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। 

वही बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार पर विपक्ष के शीर्ष नेताओं की चुप्पी पर अपना आक्रोश व्यक्त किया। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने विपक्ष के नेताओं से पूछा कि वह हर -छोटी बड़ी घटनाओं पर अपनी आवाज को बुलंद करते है, यहां तक कि यूक्रेन व रूस के युद्ध के दौरान भी विपक्ष के नेताओं विरोध किया, लेकिन जब बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार की खबरे आए तो किसी भी विपक्ष के नेताओं ने हिंदुओं के पक्ष में नहीं बोला। आज विपक्ष के नेताओं, राहुल गांधी,  अखिलेश चुप क्यों है, क्योंकि हिंदुओं की हत्या हो रही है।